अयोध्या में कई मंदिरों समेत गिराये जाएंगे जीर्ण-शीर्ण मकान

अयोध्या महानगर पालिका की ओर से जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवनों के मालिकों और प्रबंधकों को नोटिस जारी किया जा चुका है.

अयोध्या. (फोटो साभार: विकिमीडिया)

अयोध्या महानगर पालिका की ओर से जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवनों के मालिकों और प्रबंधकों को नोटिस जारी किया जा चुका है.

अयोध्या. (फोटो साभार: विकिमीडिया)
अयोध्या. (फोटो साभार: विकिमीडिया)

अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के शोर के बीच अयोध्या में विभिन्न मंदिरों समेत 176 घर गिराये जाने वाले हैं. इसके लिए ज़िला प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अयोध्या महानगर पालिका (एएमसी) की ओर से ऐसे 176 मंदिरों और जीर्ण-शीर्ण हो चुके मंदिरों को गिराने या उनका पुनर्निर्माण कराने के लिए उनके मालिकों और प्रबंधकों को नोटिस जारी किया जा चुका है.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में अयोध्या नगर आयुक्त आरएस गुप्ता ने बताया, ‘चाहे मंदिर हो या मकान लोगों के पास यह विकल्प है कि या तो वे इन्हें गिरा दें या फिर इनका पुनर्निर्माण कराएं. ये लोग नगर पालिका से भी इन्हें गिराने के लिए कह सकते हैं.’

उन्होंने बताया, ‘176 घर और मंदिरों में से 59 लोगों ने पुनर्निर्माण करा दिया है और छह लोगों ने अपने भवन गिरा दिए हैं.’

मालूम हो कि केंद्र की मोदी सरकार पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से लगातार दबाव बनाया जा रहा है. ये संगठन सरकार पर मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं.

महाराष्ट्र में पिछले महीने संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर कहा गया था कि ज़रूरत पड़ने पर आरएसएस राम मंदिर के लिए आंदोलन शुरू करने में भी नहीं हिचकेगा, लेकिन मामला अदालत में विचाराधीन होने की वजह से कुछ सीमाएं हैं.

संघ की ओर से कहा गया था कि यह दुख और पीड़ा का विषय है कि जिसे हिंदू अपनी आस्था मानते हैं और जिससे उनकी भावनाएं जुड़ी हैं वह अदालत की प्राथमिकता सूची में नहीं है.

बीते 25 नवंबर को अयोध्या में धर्मसभा कर हिंदू संगठनों और संतों ने केंद्र की मोदी सरकार को मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है.

मालूम हो कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ अयोध्या पहुंचे थे. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार ने मंदिर निर्माण का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया.

उन्होंने नारा भी दिया है पहले मंदिर फिर सरकार.

शिवसेना नेता संजय राउत ने बीते दिनों एक विवादास्पद बयान भी दे दिया था. उन्होंने कहा था कि हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी तो राम मंदिर के लिए क़ानून बनाने में कितना वक़्त लगता है.

बीते नौ दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में विश्व हिंदू परिषद की रैली में हज़ारों लोग अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग के साथ जुटे थे. इस दौरान आरएसएस के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने कहा था कि जो लोग सत्ता में हैं, उन्हें मंदिर बनवाना चाहिए.

उन्होंने कहा था कि जो आज सत्ता में हैं, उन्होंने राम मंदिर बनाने का वादा किया था. उन्हें लोगों की बात सुननी चाहिए और अयोध्या में राम मंदिर की मांग को पूरा करना चाहिए. हम इसके लिए भीख नहीं मांग रहे हैं. हम अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे हैं. देश ‘राम राज्य’ चाहता है.

इस बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि उनकी पार्टी अदालत के फैसले का इंतज़ार करेगी और शीतकालीन सत्र में कोई अध्यादेश या बिल नहीं लाएगी.

मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने 29 अक्टूबर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुनवाई जनवरी, 2019 के पहले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया था. जनवरी में एक उचित पीठ सुनवाई का कार्यक्रम तय करेगी.

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