अटॉर्नी जनरल और कैग से पूछा जाए कि राफेल पर रिपोर्ट कब और कहां आई: मल्लिकार्जुन खड़गे

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले में बताई गई कैग रिपोर्ट के बारे में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अदालत को ग़लत जानकारी दी गई, जिसके आधार पर यह फ़ैसला आया है.

//
मल्लिकार्जुन खड़गे. (फोटो: पीटीआई)

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले में बताई गई कैग रिपोर्ट के बारे में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अदालत को ग़लत जानकारी दी गई, जिसके आधार पर यह फ़ैसला आया है.

New Delhi: Congress Parliamentary Party leader Mallikarjun Kharge addresses the media during the Winter Session of Parliament, in New Delhi, Friday, Dec.14, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI12_14_2018_000039B)
पीएसी के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को राफेल विमान सौदे से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में कहा कि वह पीएसी के सदस्यों से आग्रह करेंगे कि अटॉर्नी जनरल और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को बुलाकर पूछा जाए कि राफेल मामले में कैग की रिपोर्ट कब और कहां आई है.

खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने न्यायालय के समक्ष कैग रिपोर्ट तौर पर गलत जानकारी रखी जिस वजह से इस तरह का निर्णय आया है.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘राफेल के बारे में न्यायालय के सामने सरकार को जिन चीजों को ठीक ढंग से रखना चाहिए था, वो नहीं रखा. अटॉर्नी जनरल ने इस तरह से पक्ष रखा कि न्यायालय को यह महसूस हुआ कि कैग रिपोर्ट संसद में पेश हो गई है और पीएसी ने रिपोर्ट ने देख ली है.’

उन्होंने कहा, ‘जब पीएसी जांच करती है तो साक्ष्यों को देखती है. लेकिन न्यायालय को गलत जानकारी दी गयी और जिसके आधार पर गलत निर्णय आया.

खड़गे ने कहा, ‘पीएसी के सदस्यों से आग्रह करने जा रहा हूँ कि अटॉर्नी जनरल को बुलाया जाए और कैग को भी बुलाया जाए ताकि यह पूछा जाए कि यह रिपोर्ट कब आई और पीएसी को कब मिली है.’

उन्होंने कहा, ‘अगर यह रिपोर्ट नहीं आई तो सरकार ने झूठ क्यों बोला? वह माफी मांगे. सरकार को कहां से क्लीन चिट मिलती है? किसी चीज को धोखे में रखकर की जाए तो वो ठीक नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिये हम जेपीसी की मांग कर रहे हैं ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके.

मालूम हो कि पीएसी में कुल 22 सदस्य हैं. द वायर  ने पीएसी के दो और सदस्यों- बीजद सांसद भृतहरि महताब और कांग्रेस सांसद राजीव गौड़ा से बात की, जिन्होंने भी संसदीय समिति के साथ ऐसी कोई रिपोर्ट साझा होने से इनकार किया है.

द वायर  से बात करते हुए गौड़ा ने कहा, ‘एक साल से, जब से मैं पीएसी मैं शामिल हुआ हूं, तबसे मुझे कोई कैग रिपोर्ट नहीं दिखाई गयी है.’  उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि ‘कैग या संसदीय समिति के पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है.’

इसके अलावा दैनिक भास्कर से बात करते हुए पीएसी के 6 अन्य सदस्यों ने भी इस तरह की किसी रिपोर्ट को जांचने से इनकार किया है. इन सदस्यों में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर, रीति पाठक, किरीट सोमैया, भूपेंद्र यादव, शिवसेना सांसद गजानंद चंद्रकांत कीर्तिकर और टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय शामिल हैं.

इस अख़बार से बात करते हुए इन सभी ने कहा कि राफेल मामले में कैग की ऐसी कोई रिपोर्ट पीएसी के पास नहीं आयी है. भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने तो यह तक कहा कि राफेल पर रिपोर्ट अभी कैग ने ही तैयार नहीं की है, पीएसी के पास कैसे आती.

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को इस विमान सौदे में भ्रष्टाचार होने का आरोप फिर दोहराया और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार बताए कि इस मामले पर कैग की रिपोर्ट कहां है जिसका उल्लेख शीर्ष अदालत में किया गया है.

गांधी ने इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर यह जांच हो गई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अनिल अंबानी का नाम ही सामने आएगा.

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को एक तरह से क्लीन चिट देते हुए सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है. ऑफसेट साझेदार के मामले पर तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि किसी भी निजी फर्म को व्यावसायिक लाभ पहुंचाने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)