छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद दो तिहाई बहुमत से सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को विधायक दल का नेता चुना, सोमवार को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री को लेकर चल रहे कयास अब थम गए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है और इसी के साथ उनके मुख्यमंत्री बनने पर मुहर लग गई है. एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार बघेल सोमवार शाम 4.30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
Celebrations are in order in Chhattisgarh as @Bhupesh_Baghel is appointed CM. We wish him the best as he forms a govt. of equality, transparency & integrity starting off with farm loan waiver for farmers as we promised. pic.twitter.com/7OqGcPi2eh
— Congress (@INCIndia) December 16, 2018
रविवार दोपहर विधायक दल की बैठक में बघेल के नाम पर मुहर लगाई गई. राज्य में कांग्रेस ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की है. हाल ही में अन्य चार राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के परिणामों में कांग्रेस को 90 सदस्यीय विधानसभा में 68 सीटें हासिल हुई हैं.
11 दिसंबर को परिणामों के बाद 12 दिसंबर को रायपुर के एक होटल में नव निर्वाचित विधायक दल की बैठक हुई थी. इस बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, प्रभारी सचिव चंदन यादव और अरुण उरांव मौजूद थे.
विधायक दल की बैठक में कांग्रेस के पर्यवेक्षक मालिकार्जुन खड़गे ने बताया की कांग्रेस विधायकों ने प्रस्ताव पास किया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जिसे भी विधायक दल का नेता चुनेंगे हमें स्वीकार होगा.
दरअसल, राज्य के नए मुख्यमंत्री के लिए नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेता और दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद ताम्रध्वज साहू और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत को प्रमुख दावेदार माना जा रहा था.
युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष से मुख्यमंत्री तक का सफर
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ. कुर्मी समुदाय में इनका अच्छा जनाधार माना जाता है.
बघेल 1985 से कांग्रेस से जुड़कर राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने शुरुआत युवा कांग्रेस के दुर्ग ग्रामीण जिला अध्यक्ष के तौर पर की थी. पहली बार 1993 में विधायक बने थे. 1998 में दोबारा जीते तो मध्य प्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने.
छत्तीसगढ़ के निर्माण के बाद बघेल राज्य के पहले राजस्व मंत्री बने, जिसके बाद 2003 में फिर पाटन से चुनाव जीते, तो उन्हें उप नेता प्रतिपक्ष का पद मिला.
इसके बाद बघेल 2008 में विधानसभा चुनाव हार गए. इसके अलावा उन्हें 2004 में दुर्ग लोकसभा और 2009 में रायपुर लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा है.
अक्टूबर 2014 में बघेल को छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रदेश नियुक्त कर दिया गया. भूपेश बघेल को 2018 में कांग्रेस की 15 साल बाद सत्ता में वापसी का सूत्रधार माना जाता है.