विजय माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर 17 बैंकों का 9000 करोड़ रुपये से ज़्यादा लोन बकाया है.
शराब कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को लंदन में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई.
माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में प्रत्यर्पण के भारत सरकार के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया है. शराब कारोबारी माल्या मनी लॉन्डरिंग के मामले में भारत में वांछित थे. उन्हें तब गिरफ्तार कर लिया गया जब वह मध्य लंदन पुलिस थाने में पेश हुए.
स्कॉटलैंड यार्ड ने पीटीआई से कहा, मेट्रोपॉलिटन पुलिस की प्रत्यर्पण इकाई ने प्रत्यर्पण वारंट पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. विजय माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया. माल्या लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए, जहां उन्हें जमानत मिल गई.
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माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एअरलाइन्स पर विभिन्न बैंकों की नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है. वह दो मार्च 2016 को भारत से भागकर ब्रिटेन पहुंच गए थे. जनवरी में एक भारतीय अदालत ने बैंकों के एक समूह को ऋण वसूली की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था.
वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी को मामले में पहली सफलता बताया जिसमें अब ब्रिटेन में यह तय करने के लिए एक कानूनी प्रक्रिया होगी कि क्या माल्या को भारतीय अदालतों में आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित किया जा सकता है .
वहीं, माल्या ने ट्वीट कर इस घटनाक्रम को रूटीन बताया.
Usual Indian media hype. Extradition hearing in Court started today as expected.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) April 18, 2017
भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि के अनुरूप आठ फरवरी को एक नोट वर्बेल के जरिए माल्या के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक आग्रह किया था.
नई दिल्ली ने आग्रह सौंपते हुए कहा था कि माल्या के खिलाफ उसके पास एक जायज मामला है. इसने उल्लेख किया था कि यदि प्रत्यर्पण आग्रह का सम्मान किया जाता है तो यह हमारी चिंताओं के प्रति ब्रिटेन की संवेदनशीलता को प्रदर्शित करेगा.
पिछले महीने ब्रिटिश सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के संबंध में भारत के आग्रह को प्रमाणित कर इसे आगे की कार्रवाई के लिए एक जिला न्यायाधीश के पास भेज दिया था.
ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में न्यायाधीश द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने सहित कई कदम शामिल होते हैं . वारंट के मामले में व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है और प्रारंभिक सुनवाई के लिए अदालत लाया जाता है.
फिर विदेश मंत्री द्वारा अंतिम फैसला किए जाने से पहले एक प्रत्यर्पण सुनवाई होती है. वांछित व्यक्ति को किसी भी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सहित उच्च अदालतों तक अपील करने का अधिकार होता है.
इस साल के शुरू में एक सीबीआई अदालत ने 720 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक लोन डिफॉल्ट मामले में माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
(एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)