मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बीते मंगलवार को गोहत्या के आरोप में तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस ने इन चार लोगों को निर्दोष करार देने का फैसला लिया.
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा है कि बीते दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोहत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए चारों युवक निर्दोष हैं.
पुलिस अब इन युवकों को जेल से रिहा कराने के लिए कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. बुलंदशहर में हुई हिंसा के बाद लगभग दो हफ्ते पहले सैफुद्दीन, साजिद, आसिफ और नन्हे नाम के चार युवकों को गिरफ्तार किया गया था और प्रथम दृष्टया ये पाया गया है कि ये चारों निर्दोष हैं.
इन चारों लोगों को बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था. योगेश राज का आरोप था कि सात लोगों ने गोहत्या की है.
बता दें कि बीते तीन दिसंबर को बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या का मुख्य आरोपी योगेश राज है.
बुलंदशहर के स्याना गांव में कथित गोकशी के बाद फैली हिंसा में पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह समेत सुमित नाम के एक युवक की हत्या कर दी गई थी. हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोपियों को पकड़ने से पहले कथित गोहत्या के मामले की जांच कर रही है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा बीते मंगलवार को गोहत्या मामले में तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के बाद इन चारों लोगों को निर्दोष करार देने का फैसला लिया गया.
बुलंदशहर के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया हमने पाया है कि इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए चारों लोग निर्दोष हैं और हम उनको जेल से छुड़वाने के लिए कोर्ट जाएंगे.’
चौधरी ने कहा कि पुलिस ने काला, नदीम और रईस नाम के तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. तीनों लोगों की उम्र लगभग 30 साल है. पुलिस ने कहा कि इनके खिलाफ वैज्ञानिक और अन्य सबूत है तधा नदीम के पास से लाइसेंस वाली बंदूक बरामद की गई है.
पुलिस ने ये भी दावा किया है कि उन्होंने गोमांस को ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ी बरामद किया है और गोहत्या के लिए इस्तेमाल की गई चाकू को बरामद किया है.
एसएसपी चौधरी ने कहा कि काला को दो साल पहले भी गोहत्या मामले में गिरफ्तार किया गया था और वो इस समय जमानत पर बाहर है.
वहीं बुलंदशहर हिंसा मामले का मुख्य आरोपी बजरंग दल नेता योगेश राज अभी भी फरार है. हिंसा मामले में पुलिस ने अभी तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है.
बुलंदशहर हिंसा के बाद राज्य सरकार ने बुलंदशहर एसएसपी कृष्ण बहादुर सिंह, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) रईस अख्तर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सिटी), प्रवीन रंजन सिंह, सर्कल ऑफिसर (स्याना) सत्य प्रकाश शर्मा और चिंगरावठी पुलिस आउट पोस्ट इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर सुरेश कुमार का तबादला कर दिया था.
हत्या से जुड़े सबूतों को मिटाया जा रहा है: इंस्पेक्टर की पत्नी
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने कहा है कि सबूतों को मिटाया जा रहा है. एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘वे लोग अपने लोगों को बचा रहे हैं और धीरे-धीरे सारे सबूत मिटा रहे हैं. कोई भी ऐसा नहीं है जो ये बता सके कि आखिर उस दिन क्या हुआ था.’
हालांकि रजनी सिंह ने किसी का नाम नहीं लिया. सिंह के बेटे अभिषेक सिंह ने कहा है कि नेता लोग आरोपियों को बचा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘योगेश राज की गिरफ्तारी में देरी होने का क्या कारण है? आखिर पुलिस किसके वजह से रुकी हुई है? मैं आशा करता हूं कि मेरे पिता के हत्यारे की फाइल धूल में दबकर न रह जाए.’
योगेश राज भाजपा यूथ विंग का स्थानीय नेता है. इस मामले में एक अन्य आरोपी शिखर अग्रवाल भी भाजपा नेता है.