बीते 17 मार्च 2016 को 32 वर्षीय मजलूम अंसारी और 13 वर्षीय इम्तियाज़ को गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा हत्या कर शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था.
लातेहार: झारखंड के लातेहार जिले के बालूमाथ में 17 मार्च 2016 को गोहत्या के शक में दो पशु व्यापारियों की हत्या के मामले में अदालत ने बुधवार को आठ लोगों को दोषी करार दिया. 32 वर्षीय मजलूम अंसारी और आराहारा गांव निवासी आजाद खान के पुत्र 13 वर्षीय इम्तियाज की हत्या कर शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था.
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार, प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश कुमार ने आठों को दोषी करार देने के बाद सजा पर फैसला सुरक्षित रखा है. दोषी करार दिए जाने के बाद आठ अभियुक्तों मनोज साहू, अवधेश साव, सहदेव साव, मिथलेश साव उर्फ बंटी, विशाल तिवारी, मनोज कुमार साव और अरुण साव को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है.
अंसारी और खान के परिवारों ने कहा कि दोनों अपने मवेशियों को पास के गांव मेले में बेचने के लिए ले जा रहे थे, तभी गोरक्षकों ने उनपर हमला किया और उनकी हत्या कर दी.
18 मार्च की सुबह 10 बजे दोनों शव पेड़ से लटके हुए मिले थे. मृतकों के परिजनों और उस समुदाय के लोगों ने पुलिस को शवों को कब्जे में लेने से रोक दिया था. खुद शवों को उतारा और साथ लेकर बालूमाथ थाना चौक पहुंचे और चौराहा जाम कर दिया था.
मामले में पांच आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया गया था. वहीं तीन फरार आरोपियों ने बाद में स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद इन लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
झारखंड में लातेहार समेत श्रृंखलाबद्ध तरीके से पीट-पीटकर हत्या की कई घटनाए हुईं थी. मई 2017 में एक भीड़ ने साराइकला खरस्वान जिले के एक गांव में चार मवेशी व्यापारियों पर हमला कर दिया था. एक महीने बाद डेयरी मालिक उस्मान अंसारी पर हमला किया गया और उनके घर के पास एक गाय के शव का सर मिलने के बाद उनके घर को आग के हवाले कर दिया गया था.
जून 2017 में, गौरक्षकों की एक भीड़ ने रामगढ़ जिले में गोमांस रखने के आरोप में व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी. एक स्थानीय अदालत ने इस साल मामले में शामिल 11 आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसमें से दस आरोपियों को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया था. जमानत पर रिहा आरोपियों को केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने माला पहनकर स्वागत किया था. जिस पर काफी विवाद भी हुआ था.
वहीं एक भीड़ ने सितंबर 2017 में गिरिद जिले में ईद पर गायों की कथित तौर पर हत्या करने वाले एक आदमी से जुड़े तीन घरों को आग के हवाले कर दिया था. जून 2018 में एक भीड़ ने गोदादा जिले में दो मुस्लिम मवेशी व्यापारियों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.