कर्नाटक के चामराजनगर ज़िले स्थित हानुर तालुक के सुलिवादी गांव स्थित मरम्मा मंदिर में बीते 15 दिसंबर को प्रसाद खाने से 15 लोगों की मौत हो गई थी और 120 से ज़्यादा लोग बीमार पड़ गए थे.
बेंगलुरू: पुलिस ने कर्नाटक के चामराजनगर जिले में एक मंदिर के प्रसाद में जहर मिलाने की घटना के संबंध में बुधवार को एक महंत को गिरफ्तार किया. बीते दिनों मंदिर का प्रसाद खाने के बाद 15 लोगों की मौत हो गई.
महादेश्वर हिल सालुरु मठ के महंत पीआई महादेश्वरा स्वामी को गिरफ्तार किया गया और पुलिस ने बताया कि उनकी इस घटना में भूमिका थी.
बहरहाल, चामराजनगर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कोई और जानकारी देने से इनकार कर दिया. हालांकि पुलिस सूत्रों ने बताया कि महंत और एक महिला समेत कम से कम पांच लोगों की इस घटना में सीधी भूमिका है.
अधिकारियों ने 15 दिसंबर की इस घटना को लेकर अभी तक 11 लोगों से पूछताछ की है. गौरतलब है कि चामराजनगर जिले के हानुर तालुक के सुलिवादी गांव स्थित मरम्मा मंदिर में प्रसाद खाने के बाद 120 से अधिक लोग बीमार पड़ गए थे.
घटना के दिन ही नौ लोगों की मौत हो गई थी जबकि छह लोगों की उसके बाद चार दिनों में मौत हो गई थी. 27 लोगों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.
प्रयोगशाला में हुई जांच में प्रसाद में कीटनाशक पदार्थ पाए गए. पुलिस ने बताया कि मंदिर के प्रसाद में 15 बोतल कीटनाशक दवाइयां मिलाई गई थीं.
पुलिस को संदेह है कि राजस्व बंटवारे को लेकर मंदिर के प्रबंधन से नाराज एक गुट ने प्रसाद में जहर मिलाया होगा.
एनडीटीवी के अनुसार, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी केवी शरतचंद्र ने बताया कि 2017 तक मंदिर पर महंत का नियंत्रण था. फिर मंदिर के विस्तार के लिए अप्रैल, 2017 में गांववालों और श्रद्धालुओं ने एक ट्रस्ट का गठन कर दिया. इससे महंत की ताकत घट गई जिससे वह नाराज था.
पुलिस के मुताबिक इसके बाद महंत ने ट्रस्ट को बदनाम करने की साजिश रची. इसी के तहत प्रसाद में जहर मिला दिया गया ताकि ट्रस्ट को बदनाम किया जा सके.
दैनिक जागरण की ख़बर के अनुसार, महंत पीआई महादेश्वरा स्वामी और उसके तीन सहयोगियों (एक महिला, उसका पति और एक दोस्त) को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों पर हत्या, हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)