छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने राज्य में पुलिस और नक्सलियों के बीच सांठगांठ होने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने दावा किया है कि उन्हें इस तरह की जानकारी मिली है कि राज्य में झीरम घाटी हमले से पहले राज्य सरकार ने किसी के माध्यम से नक्सलियों को पैसे भिजवाए थे. बघेल ने राज्य में पुलिस और नक्सलियों के बीच सांठगांठ का भी आरोप लगाया.
बघेल ने सोमवार को रायपुर में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि झीरम घाटी हमले से पहले सरकार ने एक व्यक्ति के माध्यम से नक्सलियों को करोड़ों रुपये भिजवाए थे, यह सूचना एक बार फिर साबित करती है कि राज्य में पुलिस और नक्सलियों के बीच गहरी सांठगांठ है. उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है.
बघेल ने कहा कि जब आईएएस अधिकारी एलेक्स पॉल मेनन को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था और एकाएक रिहा कर दिया था तब पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा ने आरोप लगाया था कि नक्सलियों से पैसों का लेन देन हुआ था. कर्मा के आरोपों की भी कभी कोई जांच नहीं हुई और सरकार ने कुछ नहीं कहा.
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह चाहते हैं कि नक्सली-पुलिस सांठगांठ की पूरी जांच सरकार की ओर से अविलंब सीबीआई को सौंप दी जाए. सीबीआई ही पता लगा सकती है कि वह कौन व्यक्ति है जिसने सरकार के कहने से झीरम कांड से पहले नक्सलियों को करोड़ों रुपये पहुंचाए थे और सरकार में वह कौन है जो नक्सलियों तक पैसे भेजता है.
इधर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. जबकि सच्चाई यह है कि जब झीरम घाटी हमला हुआ था तब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और उन्होंने ही एनआईए की जांच की घोषणा की थी. जांच में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है.
शर्मा ने कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नक्सलियों से लगातार लड़ रही है. राज्य का सरगुजा क्षेत्र नक्सल समस्या से मुक्त हो गया है और जल्द ही बस्तर क्षेत्र को इस समस्या से मुक्ति मिलेगी.
राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, इन आरोपों के साथ भूपेश बघेल ने पुलिस के मुखबिर रहे अभय सिंह बंटी के दावों को ही पुख्ता किया है. कुछ दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अंबिकापुर जेल में अभय सिंह बंटी से मुलाकात की थी.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और नक्सलियों की सांठगांठ का खुलासा करने के बाद अफसर अभय सिंह के पीछे पड़ गए हैं. उन्हें तमाम मामलों में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में माओवादी उभार के समय अभय सिंह बंटी सरगुजा रेंज के पुलिस सहयोगी और मुखबिर थे. आईजी सरगुजा की ओर से अभय को एक समय पब्लिक लाइज़िनिंग प्रमाण पत्र जारी हुआ था. 18 अप्रैल 2013 को अभय सिंह ने पुलिस और नक्सलियों पर सांठगांठ होने का आरोप लगाया था. उसी दिन अभय ने एक बड़ा हमला होने की आशंका जताई थी.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले के झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था. इस घटना में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा समेत 31 लोग मारे गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)