राजग से अलग होने के बाद संप्रग में शामिल हुए उपेंद्र कुशवाहा

संघ का एजेंडा लागू करने का आरोप लगाकर बीते दिनों केंद्र और बिहार में सत्तारूढ़ राजग सरकार से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अलग हो गए थे.

Patna: Bihar Rashtriya Lok Samata Party (RLSP) president Upendra Kushwaha addresses a press conference at the Party office, in Patna, Friday, Nov 09, 2018. (PTI Photo)(PTI11_9_2018_000084B)
उपेंद्र कुशवाहा (फोटो: पीटीआई)

संघ का एजेंडा लागू करने का आरोप लगाकर बीते दिनों केंद्र और बिहार में सत्तारूढ़ राजग सरकार से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अलग हो गए थे.

Patna: Bihar Rashtriya Lok Samata Party (RLSP) president Upendra Kushwaha addresses a press conference at the Party office, in Patna, Friday, Nov 09, 2018. (PTI Photo)(PTI11_9_2018_000084B)
उपेंद्र कुशवाहा (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र एवं बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का हिस्सा बन गई.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का संप्रग में स्वागत करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘बिहार में पहले से गठबंधन था और आज उसमें उपेंद्र कुशवाहा जी शामिल हुए हैं. हम उनका स्वागत करते हैं.’

कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ‘बिहार और देश की चिंता करते हुए कुशवाहा जी ने राजग से नाता तोड़ा और आज हमारे साथ जुड़ रहे हैं. उन्होंने बिहार और पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में यह फैसला किया है. हम अपने परिवार में तहेदिल से उनका स्वागत करते हैं.’

इस मौके पर पटेल, गोहिल, लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) नेता शरद यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मौजूद थे.

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाहा को बधाई देते हुए कहा कि सभी दल ‘देश और संविधान बचाने’ के लिए एकजुट हुए हैं.

रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने हाल ही में नरेंद्र मोदी सरकार से इस्तीफ़ा दिया था और अपनी पार्टी के राजग से अलग होने की घोषणा की थी. राजग से अलग होते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि मोदी सरकार ओबीसी समुदाय के हितों की अनदेखी कर रही है और संघ के एजेंडे को लागू किया जा रहा है. देश के शिक्षण संस्थानों में संघ के लोगों की भर्ती की जा रही है.

मालूम हो कि रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज़्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज़ थे. दूसरी ओर भाजपा और जदयू के बीच बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी है.

राजग से अलग होने के बाद से ही इसकी संभावना व्यक्त की जा रही थी कि कुशवाहा बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस, राजद तथा जीतनराम मांझी की पार्टी ‘हम’ के साथ मिलकर लड़ सकते हैं.

कुछ दिनों पहले ही कुशवाहा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मुलाकात की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)