कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में भाजपा के लोकतंत्र बचाओ रथयात्रा कार्यक्रम को दी मंज़ूरी

भाजपा ने तीन रथयात्राएं निकालने की योजना बनाई थी, जिन्हें पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा की आशंका के मद्देनज़र अनुमति नहीं दी थी. अदालत ने कहा कि किसी भी नुकसान के लिए भाजपा ज़िम्मेदार होगी.

Meerut: BJP workers take part in the party's Kamal Sandesh bike rally, in Meerut, Saturday, Nov 17, 2018. (PTI Photo) (PTI11_17_2018_000083B)
Meerut: BJP workers take part in the party's Kamal Sandesh bike rally, in Meerut, Saturday, Nov 17, 2018. (PTI Photo) (PTI11_17_2018_000083B)

भाजपा ने तीन रथयात्राएं निकालने की योजना बनाई थी, जिन्हें पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा की आशंका के मद्देनज़र अनुमति नहीं दी थी. अदालत ने कहा कि किसी भी नुकसान के लिए भाजपा ज़िम्मेदार होगी.

Meerut: BJP workers take part in the party's Kamal Sandesh bike rally, in Meerut, Saturday, Nov 17, 2018. (PTI Photo) (PTI11_17_2018_000083B)
(फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सांप्रदायिक अशांति की आशंका के आधार पर मंज़ूरी नहीं देने के आदेश को दरकिनार करते हुए गुरुवार को भाजपा के रथयात्रा कार्यक्रम को अनुमित दे दी.

जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती ने प्रदेश भाजपा को ज़िले में रैली के प्रवेश करने के तय समय से कम से कम 12 घंटे पहले ज़िला पुलिस अधीक्षकों को इसकी सूचना देने का निर्देश दिया.

न्यायालय ने पार्टी को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि रथयात्राएं क़ानून का पालन करते हुए निकाली जाएं और सामान्य यातायात बाधित नहीं होना चाहिए.

जस्टिस चक्रवर्ती ने कहा कि संपत्ति के किसी भी नुकसान या क्षति के लिए याचिकाकर्ता भाजपा परोक्ष रूप से ज़िम्मेदार होगी. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त बल तैनात करेगी कि क़ानून व्यवस्था का कोई उल्लंघन न हो.

मालूम हो कि भाजपा ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से तीन ‘रथयात्राएं’ निकालने की योजना बनाई थी. भगवा पार्टी इस ‘रथ यात्रा’ को ‘लोकतंत्र बचाओ यात्रा’ बता रही है.

इन रथों को करीब डेढ़ महीने में राज्य के 42 संसदीय क्षेत्रों से गुज़रना था. प्रदेश भाजपा के सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के कूचबिहार ज़िले से 22 दिसंबर, दक्षिण 24 परगना ज़िले से 24 दिसंबर और बीरभूम में तारापीठ मंदिर से 26 दिसंबर को ये रथ यात्राएं निकाले जाने की संभावना है.

भाजपा अपने इस कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार से मंज़ूरी नहीं मिलने पर उच्च न्यायालय पहुंची थी.

मालूम हो कि इन रथयात्राओं को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को हरी झंडी दिखाने वाले थे. अनुमति न मिलने के बाद बीते दिनों अमित शाह ने कहा था कि हम निश्चित तौर पर यात्रााएं निकालेंगे और हमें कोई नहीं रोक सकता. पश्चिम बंगाल में बदलाव के प्रति भाजपा प्रतिबद्ध है. यात्राएं रद्द नहीं, सिर्फ़ स्थगित हुई हैं.

भाजपा ने अदालत के आदेश की प्रशंसा की

पश्चिम बंगाल में भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य में पार्टी की ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का बृहस्पतिवार को स्वागत किया और कहा कि जल्द ही कार्यक्रम शुरू होगा.

पश्चिम बंगाल सरकार ने भाजपा को ‘रथ यात्रा’ की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. उसने इसके लिए इन खुफ़िया रिपोर्टों का हवाला दिया था कि उन इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा की आशंका है जहां पार्टी यात्रा निकालने की योजना बना रही है.

उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए घोष ने कहा, ‘हम अदालत के आदेश के लिए उसका आभार जताते हैं. यह ऐतिहासिक फैसला है. लोकतंत्र बचाओ यात्रा जल्द ही शुरू होगी और कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएगी.’

उन्होंने कहा, ‘हमने पहले ही नई तारीख़ें सौंप दी हैं लेकिन हम तारीख़ों में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं. हम अदालत के सभी दिशा निर्देशों का पालन करेंगे.’

घोष ने कहा कि भाजपा के प्रदेश और केंद्रीय नेता तारीखों के संबंध में पार्टी के अगले कदम पर निर्णय लेंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)