आर्थिक तंगी से गुज़र रहे अफ्रीकी देश सूडान में सरकार ने पिछले हफ्ते रोटी की कीमत एक पाउंड से बढ़ाकर तीन पाउंड कर दिया, जिसका विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
खारतूम: सूडान में रोटी की कीमत बढ़ने के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दूसरे दिन देश के पूर्वी हिस्से में प्रदर्शनकारियों और दंगा-निरोधी पुलिस दस्ते के बीच हुई झड़प में आठ लोग मारे गए.
रोटी की कीमत एक सूडानी पाउंड से बढ़ाकर तीन सूडानी पाउंड करने के सरकारी फैसले का बुधवार से ही विरोध हो रहा है. रोटी की कमी सूडान के अन्य शहरों के अलावा राजधानी खारतूम में पिछले तीन हफ्ते से जारी है.
अलजज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने पूर्वी शहर क़ादरिफ़ में आपातकाल घोषित कर दिया है जहां छह लोग मारे जा चुके हैं.
स्थानीय प्रसारक सूडानिया 24 की खबर के अनुसार, पूर्वी शहर क़ादरिफ़ में ‘छह लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं.’ इन मरने वालों में विश्वविद्यालय का छात्र भी शामिल है. वहीं उत्तर-पूर्वी शहर अतबारा में दो प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की सूचना है.
Scenes from anti-Gov demonstrations in the city of Atbara in north east Sudan triggered by bread crisis. pic.twitter.com/lJ9pysJfP7
— Wasil Ali – واصل علي (@wasilalitaha) December 19, 2018
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को प्रदर्शन सूडान की राजधानी खारतूम तक पहुंच गया जहां राष्ट्रपति भवन के पास एकत्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए दंगा-निरोधी पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
शहर के सांसद मुबारक अल-नूर का कहना है कि क़ादरिफ़ में हालात काबू से बाहर हैं और छात्र मोयद अहमद महमूद की मौत हुई है. अल-नूर ने अनुरोध किया है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग ना किया जाए क्योंकि वह शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं.
#Sudan’s popular revolt grew rapidly throughout the past 24 hours , with Attbara, Al-Nehood, Port Sudan, Madani and many other cities joining in. #صفرجت
CC: @cnnbrk @foxnewspolitics @NBCNews @AJEnglish pic.twitter.com/4ptsl0HDax
— Mohamed Abubakr (@MAbubakrs) December 19, 2018
न्यूज़ 24 वेबसाइट के अनुसार, प्रदर्शनकारी आज़ादी के नारे के अलावा कह रहे थे कि वे इस सरकार को गिराना चाहते हैं. नाराज़ प्रदर्शकारियों की भीड़ ने गुरुवार को राष्ट्रपति उमर अल-बशीर की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुख्यालय में दो स्थानों पर आग लगा दी थी.
पिछले साल, सूडान में कुछ वस्तुओं की कीमत दोगुना हो गई है, जहां मुद्रास्फीति (महंगाई) 70 प्रतिशत के करीब चल रही है और पाउंड मूल्य में भी गिरावट आई है.
इस साल जनवरी में भोजन की बढ़ती कीमत पर विरोध प्रदर्शन हुआ था, लेकिन जल्द ही विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के साथ उन्हें नियंत्रण में ले लिया गया.
सूडान के पास महत्वपूर्ण तेल भंडार था जब तक कि दक्षिण सूडान ने 2011 में आजादी हासिल नहीं कर ली थी. विभाजन से देश ने तीन तेल भंडार खो दिए.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)