भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नए गवर्नर शक्तिकांत दास आरबीआई की स्वायत्तता के साथ किसी भी तरह का समझौता किए बिना सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में सक्षम होंगे.
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने सोमवार को नए गवर्नर शक्तिकांत दास को धर्म का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि उन्हें अपने पूर्ववर्तियों की तरह आरबीआई के स्वायत्तता की रक्षा करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि शक्तिकांत दास पहले नौकरशाह नहीं हैं जिन्हें आरबीआई का गवर्नर बनाया गया है. दास को उन सभी मुद्दों पर सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जिन पर दोनों के बीच मतभेद हैं.
रंगराजन ने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च (आईजीआईडीआर) में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘कई अधिकारियों (ब्यूरोक्रेट) को आरबीआई भेजा गया है. यह कोई पहली बार नहीं है. एक बार जब वे नई जिम्मेदारी संभालते हैं तो उन्हें आरबीआई की स्वायत्तता की रक्षा करनी होती है.’
उन्होंने कहा कि यह ‘धर्म’ है, जिसके बारे में डी. सुब्बाराव समेत कई गर्वनर अतीत में बता चुके हैं. केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दास आरबीआई की स्वायत्तता के साथ किसी भी तरह का समझौता किए बिना सरकार और रिजर्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में सक्षम होंगे.
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की गणना में हालिया बदलाव पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) को इस संबंध में कुछ जानकारियां सार्वजनिक करने की जरुरत है. रंगराजन, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहाकार परिषद के प्रमुख भी रह चुके हैं.
रंगराजन ने कहा, ‘सीएसओ एक प्रतिष्ठित संगठन है और उसे इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि वास्तव में किस पद्धति को अपनाकर पुराने जीडीपी आंकड़ों को संशोधित किया गया है.’ पूर्व गवर्नर ने कहा कि जिन पद्धतियों का उपयोग किया गया है, उसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. रंगराजन ने दिलीप नचाने के किताब के विमोचन के बाद ये बातें कहीं.
बता दें कि वित्त मंत्रालय में पूर्व नौकरशाह शक्तिकांत दास को बीते 11 दिसंबर को रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया था. इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को तत्कालीन गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया था.
पिछले कुछ समय से केंद्र की मोदी सरकार और उर्जित पटेल के बीच रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को लेकर गतिरोध चल रहा था. हालांकि उर्जित पटेल ने कहा है कि वे व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं.
केंद्र सरकार की ओर से अब तक कभी नहीं इस्तेमाल की गई रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा-7 के तहत पहली बार आरबीआई को निर्देश दिए जाने और रिज़र्व बैंक की कमाई में सरकार के हिस्से को लेकर नियम बनाने जैसे मामलों को लेकर विवाद चल रहा था.
पटेल आरबीआई के 24वें गवर्नर थे. उन्हें सितंबर 2016 में तीन साल के लिए इस पद पर गवर्नर नियुक्त किया गया था. उन्होंने पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की जगह ली थी.