सुप्रीम कोर्ट का बंगाल में रथयात्रा की अनुमति के लिए भाजपा की याचिका पर शीघ्र सुनवाई से इनकार

भाजपा पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र बचाओ रथयात्रा निकालना चाहती है. इन रथों को करीब डेढ़ महीने में राज्य के 42 संसदीय क्षेत्रों से गुज़रना था.

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(फोटो: पीटीआई)

भाजपा पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र बचाओ रथयात्रा निकालना चाहती है. इन रथों को करीब डेढ़ महीने में राज्य के 42 संसदीय क्षेत्रों से गुज़रना था.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के तीन ज़िलों में रथयात्रा के आयोजन की अनुमति के लिए भारतीय जनता पार्टी की याचिका पर शीघ्र सुनवाई से सोमवार को इनकार कर दिया. भाजपा ने इस याचिका में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है.

इस याचिका से जुड़े वकील ने बताया कि उन्हें शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने सूचित किया है कि यह प्रकरण सामान्य प्रक्रिया में ही सूचीबद्ध किया जाएगा.

शीर्ष अदालत इस समय शीतकालीन अवकाश की वजह से एक जनवरी तक बंद है.

भाजपा ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के शुक्रवार के आदेश को चुनौती दी है जिसने रथयात्रा की अनुमति देने संबंधी एकल न्यायाधीश का आदेश निरस्त कर दिया था.

भाजपा ‘लोकतंत्र बचाओ’ अभियान के तहत ये रथयात्राएं आयोजित करना चाहती है. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा इस रथयात्रा के माध्यम से पश्चिम बंगाल के 42 संसदीय क्षेत्रों में पहुंचने का प्रयास कर रही है.

मूल कार्यक्रम के तहत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बंगाल के कूच बिहार ज़िले से सात दिसंबर को इस रथयात्रा की शुरुआत करने वाले थे. इसके बाद यह रथयात्रा नौ दिसंबर को दक्षिणी 24 परगना के काकद्वीप और 14 दिसंबर को बीरभूम में तारापीठ मंदिर से शुरू होनी थी.

भाजपा के इस कार्यक्रम को राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने अनुमति नहीं दी थी. राज्य सरकार ने ऐसा होने पर इससे सांप्रदायिक तनाव और हिंसा फैलने का अंदेशा जताया था. इसके बाद भाजपा ने राज्य सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए अदालत रुख़ किया था.

भाजपा ने रथयात्रा की अनुमति से इनकार करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले के ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय की खंडपीठ में अपील दाख़िल की थी. बीते 20 दिसंबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश को दरकिनार करते हुए गुरुवार को भाजपा के रथयात्रा कार्यक्रम को अनुमति दे दी थी.

इसके बाद ममता बनर्जी सरकार ने इस आदेश को चुनौती दी तो कोलकाता उच्च न्यायालय ने फिर से रथयात्रा निकालने पर रोक लगा दी. इसके बाद भाजपा ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में रथयात्रा निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.

भाजपा ने कोलकाता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के शुक्रवार के आदेश को चुनौती दी है जिसने रथयात्रा की अनुमति देने संबंधी एकल न्यायाधीश का आदेश निरस्त कर दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)