ख़राब खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव बर्ख़ास्त

इस साल नौ जनवरी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर तेज बहादुर सिंह ने ख़राब खाना दिए जाने की शिकायत की थी.

इस साल नौ जनवरी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर तेज बहादुर यादव ने ख़राब खाना दिए जाने की शिकायत की थी.

Tej Bahadur BSF Facebook
तेज बहादुर यादव

ख़राब खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को एक आंतरिक जांच के बाद बुधवार को बर्ख़ास्त कर दिया गया. इसके कारण में बीएसएफ ने बताया है कि तेज बहादुर की हरकत से सेना की छवि को नुकसान पहुंचा है.

अधिकारियों ने बताया कि तेज बहादुर यादव को सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ ने स्टाफ कोर्ट ऑफ इनक्वायरी की रिपोर्ट के आधार पर बर्ख़ास्त किया. अधिकारियों ने बताया कि जांच में कॉन्स्टेबल दर्जे के जवान द्वारा लगाए गए आरोप गलत पाए गए थे.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जवान की बर्खास्तगी की कार्रवाई सीमा सुरक्षा बल अधिनियम के तहत की गई. यह अधिनियम अर्धसैनिक बल में काम करने वाले सभी जवानों पर लागू होता है.

उन्होंने कहा, यादव को अनुशासनहीनता के कुछ आरोपों में दोषी पाया गया. इसमें नियमों और कायदों का उल्लंघन करके वीडियो अपलोड करना भी शामिल है. उनके पास तीन माह के भीतर फैसले के ख़िलाफ़ अपील करने का विकल्प है.

तेज बहादुर की तैनाती जम्मू के पुंछ लाइन आॅफ कंट्रोल पर थी. इस साल नौ जनवरी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर तेज बहादुर ने जवानों को घटिया किस्म का भोजन दिए जाने का आरोप लगाया था.

वीडियो में उन्होंने कहा था कि सरकार तो सैनिकों के लिए आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाती है लेकिन उच्चाधिकारी इन्हें अवैध ढंग से बाजार में बेच देते हैं और इसका ख़ामियाजा बल में निचले स्तर पर जवानों को भुगतना पड़ता है.

यादव जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात बीएसएफ इकाई का हिस्सा था. उन्होंने वीडियो में आरोप लगाया था कि उन्हें पानी जैसी पतली दाल परोसी जाती है जिसमें सिर्फ हल्दी और नमक होता है और इसके साथ उन्हें जली हुई रोटी दी जाती है.

यादव बल की 29वीं बटालियन में तैनात थे, जांच के दौरान उन्हें जम्मू में बीएसएफ बटालियन में स्थानांतरित कर दिया गया था.

सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हुआ था. मामले ने इतना तूल पकड़ा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मामले की पूरी जांच कर बीएसएफ से रिपोर्ट देने को कहा था.

इस बीच तेज बहादुर ने वीआरएस की मांग थी जिसे बीएसएफ ने ठुकरा दिया था. बीएसएफ का कहना था कि तेज बहादुर जांच का अहम हिस्सा हैं और जांच पूरी होने तक वह बीएसएफ छोड़ नहीं सकते हैं.

इस मामले की जांच के बाद बीएसएफ ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी. इसमें कहा गया है कि तेज बहादुर की ओर से लगाए गए आरोप गलत पाए गए हैं. बीएसएफ ने यह भी कहा है कि तेज बहादुर लगातार गलतियां करते रहे हैं और सज़ा के बाद भी उनमें कोई सुधार नहीं हुआ.

इस बीच तेज बहादुर की पत्नी ने बीएसएफ पर उनके पति को प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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