राम मंदिर पर फैसला आने के बाद सरकार की​ जो ज़िम्मेदारी होगी वह उसे पूरा करेगी: नरेंद्र मोदी

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या मामले की सुनवाई में देरी के लिए कांग्रेस नेताओं को ज़िम्मेदार ठहराया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: एएनआई)

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या मामले की सुनवाई में देरी के लिए कांग्रेस नेताओं को ज़िम्मेदार ठहराया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: एएनआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: एएनआई)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने के बारे में अदालती प्रक्रिया ख़त्म होने के बाद ही विचार किया जाएगा.

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर, नोटबंदी, तीन तलाक़, उर्जित पटेल और हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली हार जैसे कुछ मुद्दों पर बातचीत की.

तीन तलाक़ मामले को लेकर जिस तरह से अध्यादेश लाया गया क्या राम मंदिर को लेकर अध्यादेश लाने में मुश्किल है, इसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘तीन तलाक़ का अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद लाया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पहले नहीं लाया गया है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के प्रकाश में लाया गया है. इसलिए हमने और भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में भी कहा है कि संविधान की मर्यादाओं में हम इसका समाधान करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि आज़ादी के 70 साल बाद सरकारों में बैठे लोगों ने इस मसले को रोकने के लिए भरपूर प्रयास किया है. आज भी मामला सुप्रीम कोर्ट में है. मैं कांग्रेस के साथियों से विशेष रूप से विनती करता हूं, देश की शांति, सुरक्षा और भाईचारे के लिए विनती करता हूं कि वे उनके अपने वकीलों को कोर्ट के अंदर इस मसले पर रुकावट डालने वाले एजेंडे से बाहर निकालें. रुकावटें न करें और सभी वकील मित्र, जो भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं, जो इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं वे भी कोर्ट में जाकर के जल्दी से जल्दी न्यायिक प्रक्रिया पूरी हो, उसमें हम बल लगाएं.’

मोदी ने कहा, ‘कोर्ट के अंदर कांग्रेस के वकील जो अड़ंगे डालते हैं, वो बंद हो. न्याय की प्रक्रिया को न्याय के तरीके से चलने दिया जाए. उसे राजनीति के तराजू से न तौला जाए. मामला न्यायपालिका में है, उसको पूर्ण किया जाए. न्यायपालिका से आने के बाद सरकार की ज़िम्मेदारी जहां से शुरू होती है, हम पूरी तरह से प्रयास करने के लिए तैयार हैं.’

मालूम हो कि कुछ दक्षिणपंथी संगठनों और शिवसेना की ओर से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाने का दबाव बनाया जा रहा है. बहरहाल अयोध्या मामले को लेकर चार जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली हैं.

नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नोटबंदी झटका नहीं था, हमने लोगों को पहले ही इस बात की चेतावनी दे दी थी आपके पास काला धन है तो इसे बैंक में जमा कर दें. आप जुर्माना भरिये आपकी मदद की जाएगी.’

आरबीआई के गर्वनर पद से उर्जित पटेल द्वारा दबाव के कारण इस्तीफ़ा देने के सवाल पर नरेंद्र मोदी का कहना था, ‘उर्जित पटेल ने निजी कारणों से इस्तीफ़ा दिया. इस बारे में उन्होंने छह सात महीने पहले ही मुझे जानकारी दे दी थी. ऐसे में उन पर राजनीतिक दबाव होने का सवाल ही नहीं उठता. बतौर आरबीआई गवर्नर उन्होंने अच्छा काम किया.’

हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली हार पर उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना और मिज़ोरम में किसी ने भाजपा को मौका नहीं दिया. छत्तीसगढ़ में स्पष्ट बहुमत मिला और भाजपा की हार हुई. दो राज्यों में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला. साथ ही 15 सालों की सत्ता विरोधी लहर का भी हमारे लोगों ने सामना किया.’