नई नीति के तहत शहरी स्थानीय निकायों, खनिज विकास निधि, सांसद निधि, विधायक निधि, मनरेगा और अन्य विभागीय योजनाओं के कुछ फंडों का भी उपयोग गोशाला स्थापित करने के लिए किया जाएगा.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को टोल टैक्स और उत्पाद शुल्क पर ‘गाय कल्याण सेस’ (काऊ वेल्फेयर सेस) लगाने, मंडी शुल्क सेस 1% बढ़ाने और सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा किए गए मुनाफे का 0.5% लाभ बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है ताकि गाय समेत मवेशियों के लिए अस्थायी गोशालाओं की स्थापना के लिए धन जुटाया जा सके.
कैबिनेट ने मोटर वाहन दुर्घटनाओं में मुआवजे के मामलों के शीघ्र मुआवज़ा भुगतान के लिए यूपी के सभी 75 जिलों में विशेष मोटर दुर्घटना मुआवजा न्यायाधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी.
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और पशुपालन मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि आवारा पशुओं की समस्या का हल खोजने के लिए गाय कल्याण सेस लगाने का निर्णय लिया गया है.
मंत्रियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) और इस तरह के अन्य अधिकारियों द्वारा वसूले जाने वाले टोल टैक्स के साथ अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत गाय कल्याण सेस लगाया जाएगा.
मंडी से की मौजूदा दर 1% से बढ़ाकर 2% की जाएगी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और यूपी राज्य निर्माण निगम और उत्तर प्रदेश राज्य पुल निगम जैसी निर्माण एजेंसियों द्वारा किए गए मुनाफे का 0.5% भी गोशालाओं के लिए धन जुटाने के लिए उपयोग किया जाएगा.
बघेल ने कहा कि बैलों के बजाय खेती में मशीनों के इस्तेमाल के कारण आवारा पशुओं की समस्या बढ़ रही है.
उन्होंने कहा, ‘आवारा जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. नई नीति के तहत, शहरी स्थानीय निकायों, खनिज विकास निधि, एमपीलैड फंड (सांसद निधि), विधायक निधि, मनरेगा और अन्य विभागीय योजनाओं के कुछ फंडों का उपयोग गोशाला स्थापित करने के लिए भी किया जाएगा.’
मंत्रियों ने कहा कि गोशालाओं में 1,000 मवेशियों को रखने की क्षमता होगी और उन्होंने कहा कि ‘कांजी हाउस सिस्टम’ (जहां आवारा मवेशी रखे जाते हैं) जैसी योजनाओं को नए सिरे से शुरु किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि योजना के कार्यान्वयन के लिए ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर पर एक समिति बनाई जाएगी.
ये समितियां मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले एक पैनल के मार्गदर्शन में कार्य करेंगी. गोशालाओं की स्थापना की लागत को नीचे लाने के लिए, चारदीवारी के निर्माण के बजाय, परिसर के भीतर मवेशियों को रखने की व्यवस्था की जाएगी.
कैबिनेट ने राज्य पुलिस और अग्निशमन सेवा विभागों के कर्मचारियों/अधिकारियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, जो आतंकवादियों और अन्य असामाजिक तत्वों के साथ मुठभेड़ों में या आग के मामलों में राहत कार्य करते हुए शारीरिक रूप से अक्षम हो जाते हैं.
80-100% विकलांगता के मामलों में 20 लाख रुपये की राशि दी जाएगी, 70-79% विकलांगता के लिए 15 लाख रुपये और 50-59% विकलांगता के लिए 10 लाख रुपये दिए जाएंगे.
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, लखनऊ के निदेशक/सचिव की भर्ती के लिए उम्मीदवारों की पात्रता के संबंध में कार्यकारी आदेश में संशोधन करने का भी निर्णय लिया.
संशोधन के तहत उम्मीदवारों के लिए आवश्यक अनुभव मौजूदा 20 साल के बजाय 15 साल करने का प्रावधान है. इसके आलावा पद के लिए अधिकतम आयु 55 वर्ष के बजाय 57 वर्ष तय करने का भी प्रावधान है.
न्यूनतम आयु भी 45 वर्ष निर्धारित की गई है. इससे पहले, पद के लिए कोई न्यूनतम आयु का उल्लेख नहीं था.