राजस्थान में दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर की जगह राष्ट्रीय चिह्न का लोगो लगाया जाएगा. 2017 में भाजपा सरकार ने आदेश जारी करके सरकारी दस्तावेजों में उनकी फोटो लगाना अनिवार्य कर दिया था.
जयपुर: राजस्थान सरकार ने बुधवार को आदेश जारी कर सभी सरकारी विभागों के लेटर पैड (सरकारी दस्तावेज) से भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के फोटो/लोगो हटाने को कहा है. साथ ही फोटो के स्थान पर राष्ट्रीय चिह्न इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया है.
यह आदेश सभी सरकारी विभागों, कॉर्पोरेशन, बोर्ड्स और स्व-सरकारी एजेंसियों को भेज दिया गया है.
जनसत्ता के मुताबिक यह आदेश 29 दिसंबर, 2018 से लागू हो गया है. गहलोत सरकार ने यह फैसला चार दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में लिया था. बुधवार को इसे लागू कर दिया गया.
राजस्थान के प्रिंटिंग और स्टेशनरी विभाग के मुद्रण, लेखन एवं सामग्री विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रवि शंकर श्रीवास्तव ने यह आदेश सभी विभागों व कलेक्टरों को भेजने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि 11 दिसंबर, 2017 को प्रदेश की भाजपा सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के अवसर पर आदेश जारी करके सरकारी विभागों के लेटर पैड में दीनदयाल उपाध्याय का फोटो लगाना अनिवार्य कर दिया था.
साथ ही इसी बैठक में सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन में 250 रुपये की बढ़ोत्तरी करने का फैसला लिया है.
अब प्रदेश में 75 वर्ष से कम उम्र वाले बुजुर्गों को 500 रुपये की जगह 750 रुपये पेंशन दी जाएगी. 75 वर्ष या इससे अधिक उम्र वालों को 750 रुपये की जगह 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी. इससे लगभग 45 लाख बुजुर्गों को लाभ होगा. पेंशन बढ़ोत्तरी का आदेश एक जनवरी से लागू हो गया है.
इसके अलावा विधानसभा के पहले सत्र में जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्य और सरपंचों के चुनाव में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता को हटाने के लिए विधेयक लाया जा सकता है.
पिछली सरकार ने पंचायत चुनावों के पहले अध्यादेश लाकर जिला परिषद या पंचायत समिति सदस्य के लिए 10वीं पास और सरपंच के लिए 8वीं पास की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त लागू की थी.
नवभारत टाइम्स के मुताबिक राज्य के मुद्रण व लेखन सामग्री विभाग ने आदेश जारी किया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव रविशंकर श्रीवास्तव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य मंत्रिमंडल की 29 दिसंबर को हुई बैठक में लिए गए फैसले के तहत यह कदम उठाया गया है.
साथ इसमें लिखा गया है कि राज्य के समस्त राजकीय विभागों, निगमों, बोर्ड एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं के लेटर पैड पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर का लोगो के रूप में प्रयोग/मुद्रण करने के संबंध में 11 दिसंबर, 2017 को जारी परिपत्र को वापस लिया जाता है.
एनडीटीवी के मुताबिक राजस्थान में अशोक गहलोत ने वसुंधरा सरकार के कई फैसलों को पलट दिया. सरकारी विभागों के लेटर पैड से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर हटाने का आदेश बुधवार को जारी किया.
इसके अलावा नई सरकार ने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के पार्षद और सरपंच चुनावों में शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया है.
साथ ही प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों का कर्ज़ माफ करने की पात्रता व मापदंड तय करने के लिए अंतर्विभागीय समिति गठित करने, वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने जैसे कई अहम फैसले लिए हैं.
सूचना व जनसंपर्क मंत्री रघु शर्मा ने बताया इसके साथ ही पिछली सरकार द्वारा पिछले छह महीनों में लिए गए फैसलों की समीक्षा भी की जाएगी.
शर्मा ने कहा कि किसानों के अल्पकालीन कर्ज माफी पर मंत्रिमंडल ने अंतर्विभागीय समिति गठित करने का फैसला लिया है. राष्ट्रीयकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक व भूमि विकास बैंक से कर्जमाफी की पात्रता व मापदंड क्या होंगे, इसको लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की गई है, लेकिन जल्द ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
साथ ही उन्होंने कहा कि भीमराव आंबेडकर विधि विश्वविद्यालय व हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय को फिर से शुरू किया जाएगा.
राजस्थान की ही तरह मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की नई सरकार पिछली सरकार के नियमों को बदल रही है. कमलनाथ सरकार में सचिवालय में महीने की पहली तारीख को ‘वंदे मातरम्’ न गाने को लेकर विवाद हो रहा है.