कश्मीरी पत्थरबाज़ लातों के भूत हैं, बातों से नहीं मानेंगे: भाजपा मंत्री

पीडीपी-भाजपा सरकार में वरिष्ठ मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने कश्मीरी युवकों के प्रदर्शन पर गोली मारने की वकालत की है. उनका कहना हैं, 'लातों के भूत, बातों से नहीं मानते और इनका इलाज़ बस जूता है.'

उद्योग मंत्री जम्मू और कश्मीर चंद्र प्रकाश गंगा (फोटो: u4uvoice.com)

पीडीपी-भाजपा सरकार में वरिष्ठ मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने कश्मीरी युवकों के प्रदर्शन पर गोली मारने की वकालत की है. उनका कहना हैं, ‘लातों के भूत, बातों से नहीं मानते और इनका इलाज़ बस जूता है.’

उद्योग मंत्री जम्मू और कश्मीर चंद्र प्रकाश गंगा (फोटो: u4uvoice.com)
उद्योग मंत्री जम्मू और कश्मीर चंद्र प्रकाश गंगा (फोटो: u4uvoice.com)

कश्मीर में चल रहे स्थानीय लोगों और सेना के बीच संघर्ष पर भाजपा नेता व जम्मू और कश्मीर के गठबंधन सरकार में वरिष्ठ मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने विवादित बयान दिया है.

कश्मीर रीडर की ख़बर के अनुसार चंद्र प्रकाश का एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमे उन्होंने कहा है कि कश्मीर का मुद्दा इतनी जल्दी शांत नहीं होने वाला है. उन्होंने प्लास्टिक के बुलेट की जगह प्रदर्शनकारियों और पत्थरबाज़ों पर असली गोली के इस्तेमाल की वक़ालत की है.

ग्रेटर कश्मीर की ख़बर के अनुसार चंद्र प्रकाश का कहना है कि पत्थरबाज़ों का इलाज़ सिर्फ गोली है.

चंद्र प्रकाश ने अपने वीडियो में कहा हैं, ‘ वे देशद्रोही हैं. क्या वे पाकिस्तान से आए हैं या यहां रहते हैं. उनके लिए केवल एक ही उपाय है और यह गोलियां हैं. अगर गोलियां नहीं हैं, तो उनको ऐसी सजा दी जानी चाहिए जैसे कि युवाओं को सेना द्वारा लाठी से पीटा जाता है. मेरी बात को लिख लेना कि अगली बार वो लोग पत्थर नहीं फेंकेंगे.’ घाटी में इंटरनेट पर प्रतिबंध के बावज़ूद यह वीडियो वायरल हो गया.

अपने समर्थकों के साथ घिरे मंत्री चंद्र प्रकाश से जब इन वीडियो के बारे में पूछा गया तो, उनका कहना हैं, ‘लातों के भूत, बातों से नहीं मानते और इनका इलाज़ बस जूता है.’  उन्होंने आगे कहा कि इनका इलाज़ इसी तरह से करना पड़ेगा.

बता दें कि पिछले वर्ष कथित आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से ही कश्मीर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. सेना पर पत्थरबाज़ी के घटनाओं में भी इज़ाफा हुआ है. श्रीनगर उप-चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा 10 युवकों का कथित एनकाउंटर भी हुआ था, जिसके बाद घाटी की जनता में काफ़ी ग़ुस्सा देखा गया था.