जीएसटी परिषद ने छोटे कारोबारियों को जीएसटी से राहत देते हुए छूट सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये वार्षिक कर दिया है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है.
नई दिल्ली: छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने गुरुवार को जीएसटी से छूट की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया. इसके अलावा कंपोजिशन योजना का लाभ लेने की सीमा को भी बढ़ा दिया गया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद ने छोटे कारोबारियों को जीएसटी से राहत देते हुए छूट सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये वार्षिक कर दिया है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है.
इसके अलावा जीएसटी कंपोजिशन योजना का लाभ लेने की सीमा भी बढ़ाई गई है. इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों और कंपनियों को उत्पादों के मूल्य वृद्धि के बजाय अपने कारोबार के हिसाब से मामूली दर पर कर देना होता है.
कंपोजिशन योजना के लिए निर्धारित सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इन दो कदमों से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को राहत मिलेगी. इसके अलावा परिषद ने केरल को दो साल के लिए राज्य के भीतर होने वाली बिक्री पर एक प्रतिशत का उपकर ‘आपदा’ कर लगाने की अनुमति दे दी है.
जेटली ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र और लॉटरी तो जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर बैठक में मतभेद रहे. इसी के मद्देनजर जीएसटी परिषद ने मंत्रियों के एक सात सदस्यीय समूह के गठन का फैसला किया है जो इस बारे में गौर करेगा.