पढ़ें: आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने के ख़िलाफ़ मल्लिकार्जुन खड़गे का विरोध पत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को पद से हटाने के कदम का विरोध किया.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे. (फोटो: पीटीआई)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को पद से हटाने के कदम का विरोध किया.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे. (फोटो: पीटीआई)
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: आलोक वर्मा के भविष्य पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को पद से हटाने के कदम का विरोध किया.

चयन समिति ने वर्मा को पद से हटाने का फैसला किया. दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को इस पद पर बहाल किया था. सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान समिति के सदस्य खड़गे ने कहा कि वर्मा को दंडित नहीं किया जाना चाहिए और उनका कार्यकाल 77 दिन के लिए बढ़ाया जाना चाहिए. इस अवधि के लिये वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया था.

यह दूसरा मौका है जब खड़गे ने वर्मा को पद से हटाने पर आपत्ति जताई. तीन सदस्यीय समिति में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के तौर पर जस्टिस एके सीकरी भी शामिल थे.

सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान जस्टिस सीकरी ने कहा कि वर्मा के खिलाफ कुछ आरोप हैं, इस पर खड़गे ने कहा, ‘आरोप कहां हैं’

कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा, ‘आलोक वर्मा को उनका पक्ष रखने का मौका दिए बिना पद से हटाकर प्रधानमंत्री मोदी ने एकबार फिर दिखा दिया है कि वह जांच–चाहे वह स्वतंत्र सीबीआई निदेशक से हो या संसद या जेपीसी के जरिए– को लेकर काफी भयभीत हैं.’

वर्मा को भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोप में पद से हटाया गया. इसके साथ ही एजेंसी के इतिहास में इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले वह सीबीआई के पहले प्रमुख बन गए हैं.

यहां पढ़ें मल्लिकार्जुन खड़गे का विरोध पत्र:

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1979 बैच के आईपीएस अधिकारी वर्मा बुधवार को ड्यूटी पर लौटे थे. एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने कुछ शर्तो के साथ उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त किया था और सीबीआई प्रमुख का चयन करने वाली तीन सदस्यीय समिति से एक सप्ताह में उनके पद पर बने रहने के बारे में फैसला करने के लिए कहा था.

आलोक वर्मा का दो वर्षों का निर्धारित कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त होने वाला था. अधिकारियों ने बताया कि वर्मा को सीबीआई प्रमुख पद से हटाने का निर्णय दो दिनों में उच्चाधिकार समिति की दूसरी बार यहां हुई बैठक लिया गया.

वर्मा को केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत दमकल सेवा, नागरिक रक्षा और होमगार्ड महानिदेशक के पद पर तैनात किया गया है. सीबीआई का प्रभार अतिरिक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को दिया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)