आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि आरएसएस की मांग है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए सरकार अध्यादेश लाए. हम सरकार से संसद में चर्चा कराने की अपील करते हैं. हमारा मानना है कि जल्द से जल्द न्याय होना चाहिए.
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस, वाम दल और दो-तीन जज उन गुनहगारों में हैं जो न्याय में देरी कर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में अड़चन डाल रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि आरएसएस की मांग है कि मंदिर के निर्माण के लिए सरकार अध्यादेश लाए.
आरएसएस नेता ने कहा, ‘हम सरकार से संसद में चर्चा कराने की अपील करते हैं. हमारा मानना है कि जल्द से जल्द न्याय होना चाहिए. समूचे देश की भावना है कि जितनी जल्दी हो सके भगवान राम के मंदिर का निर्माण होना चाहिए.’
आरएसएस के संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच (आरएमएम) के अध्यक्ष इंद्रेश कुमार ने पुणे में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस और अन्य दलों के आरोपों को ‘मिथ्या’ बताकर खारिज कर दिया कि सत्तारूढ़ भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए राम मंदिर के मुद्दे को उठा रही है.
कुमार का यह बयान सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई को टालने के बाद कुछ दिनों बाद आया है.
कुमार ने कहा, ‘काबा, वेटिकन सिटी, दीक्षा भूमि, सारनाथ, गोल्डेन टेम्पल और अन्य धार्मिक जगहों को दुनियाभर में सम्मान मिलता है तो फिर जहां भगवान राम का जन्म हुआ उसे इतने अन्याय का अपमान का सामना क्यों करना पड़ रहा है. पूरी दुनिया को इस सवाल का जवाब देना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि यह किसी एक पार्टी या धर्म की नहीं बल्कि देश के 125 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी है कि वे राम जन्मभूमि के मुद्दे का समाधान निकालें. उन्होंने दावा किया कि तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि वह जमीन विवाद की प्रतिदिन सुनवाई करेगी और भरोसा दिलाया था कि जल्द से जल्द फैसला दिया जाएगा.
कुमार ने कहा, ‘उन्होंने (पीठ) न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दिया बल्कि संविधान, मौलिक अधिकारों और इस देश के लोगों के विश्वास की अवहेलना की है. न्याय करने की बजाय मामले में देरी की जा रही है और इसे अधर में लटका दिया गया है. मुझे पूरा विश्वास है कि आम चुनावों में देश की जनता उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब देगी जो इस मामले में रोड़ा अटका रहे हैं.’
मालूम हो कि अयोध्या मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में हैं, जिसकी सुनवाई पिछले हफ्ते 29 जनवरी तक के लिए टाल दी गई, क्योंकि पीठ के सदस्य जस्टिस यूयू ललित ने ख़ुद को मामले की सुनवाई से अलग कर लिया.
आरएसएस, शिवसेना समेत हिंदूवादी संगठन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अध्यादेश लाने का दबाव बना रहे हैं. इस संबध में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि क़ानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार की जो भी ज़िम्मेदारी होगी वह उसे पूरा करेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)