आईआरसीटीसी घोटाला: सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में लालू यादव को ​ज़मानत मिली

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज एक अलग मामले में राजद प्रमुख लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेट तेजस्वी और अन्य की अंतरिम जमानत अवधि 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी.

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लालू यादव. (फोटो: पीटीआई)

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज एक अलग मामले में राजद प्रमुख लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेट तेजस्वी और अन्य की अंतरिम जमानत अवधि 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी.

लालू यादव (फोटो: पीटीआई)
लालू यादव (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को दिल्ली की एक अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले में शनिवार को जमानत दे दी. 70 वर्षीय लालू यादव चारा घोटाले मामले में कैद की सजा काट रहे हैं. वह इलाज के लिए फिलहाल रांची के रिम्स में भर्ती हैं.

विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत राशि पर उन्हें जमानत दे दी.

लालू यादव को पिछले साल 20 दिसंबर को इस मामले में अंतरिम जमानत मिली थी. उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को इस मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है.

हालांकि, अदालत ने आरोपियों पर कई शर्तें भी लगाई हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि वे लोग पूर्व अनुमति के बगैर देश से बाहर नहीं जाएंगे और साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे.

इस बीच, अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज एक अलग मामले में लालू, राबड़ी, तेजस्वी और अन्य की अंतरिम जमानत अवधि 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी. यह मामला घोटाले में कथित धन शोधन का है.

ये मामले आईआरसीटीसी के दो होटलों को एक निजी कंपनी को संचालन ठेके दिए जाने में कथित अनियमितता से जुड़े हुए हैं. सीबीआई के मामले के आधार पर ईडी ने भी लालू, राबड़ी और तेजस्वी तथा अन्य के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था. अदालत ईडी के मामले में लालू और अन्य की नियमित जमानत याचिका पर 28 जनवरी को अपना आदेश सुनाएगी.

लालू ने अपने वकील के जरिए नियमित जमानत का अनुरोध करते हुए अदालत से कहा, ‘मैं समन जारी होने पर हाजिर हुआ और अब मुझे हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मेरी हिरासत उस वक्त नहीं मांगी गई जब जांच चल रही थी. सारे दस्तावेज पहले ही जब्त किए जा चुके हैं और ईडी ने किसी गवाह पर खतरा होने का जिक्र नहीं किया है.’

उन्होंने यह भी कहा कि वह 69 साल के हैं और अस्वस्थ हैं.

वहीं, ईडी ने लालू की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनका अपराध देश की अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से प्रभावित कर रहा है और देश की वित्तीय हालत के लिए एक गंभीर खतरा पेश कर रहा है.

ईडी ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा, ‘महज इसलिए कि हमने जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया, यह उन्हें समन जारी करने के बाद जमानत के लिए आधार नहीं हो सकता.’

जांच एजेंसी ने कहा कि वे साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं या गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं क्योंकि उनमें से कुछ लोग उनके कर्मचारी हैं. उनसे अब तक पूछताछ हो रही है.
सभी आरोपी धन शोधन के मामले में अंतरिम जमानत पर हैं.

यह मामला आईसीआरसीटीसी के दो होटलों की देखरेख का ठेका निजी फर्म को सौंपने में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है. आईआरसीटीसी घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता भी आरोपी हैं.

आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने बतौर रेल मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आईआरसीटीसी के दो होटलों का ठेका सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक निजी कंपनी को दिया था. इसके बदले में लालू यादव के परिवार को पटना के एक पॉश इलाके में एक बड़ी ज़मीन बहुत ही कम दामों में दे दी गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)