कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुरी पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के क़ैद की निंदा करते हुए लिखा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बुरी ताकतें हिंसा फैला रही हैं, जबकि राज्य से जवाबदेही लेने वालों को जेल की सज़ा हो रही है.’
नई दिल्ली: कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने मणिपुरी पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को एक पत्र लिखा है जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद गया है. राहुल गांधी ने अपने पत्र में पत्रकार के प्रति एकजुटता जाहिर की है और उनके गिरफ्तारी की निंदा की है.
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा, ‘यह असंतोष को शांत करने के लिए राज्य मशीनरी की कोशिश है. पिछले कुछ महीनों में, हमने मणिपुर के लोगों के संवैधानिक अधिकारों को रौंदने के लिए भाजपा सरकार के तौर-तरीकों को देखा है.’
मणिपुर सरकार की आलोचना करते वीडियो अपलोड करने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किए गए इम्फाल के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को एक साल की जेल की सजा सुनाई गयी है. ज्ञात हो कि रासुका के तहत किसी भी व्यक्ति को अधिकतम 12 महीने की हिरासत में रखा जा सकता है.
मेईतेई भाषा में, उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह को अंग्रेजों के खिलाफ झांसी की रानी की लड़ाई की याद दिलाने और मणिपुर के स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ने के लिए एक समारोह आयोजित करने के लिए कड़ी निंदा की थी.
19 नवंबर को सोशल मीडिया पर अंग्रेजी और मेईतेई भाषा में अपलोड की गयी कई वीडियो क्लिप्स में किशोर ने कथित तौर पर कहा है, ‘मैं वर्तमान मणिपुर सरकार के झांसी की रानी का जन्मदिन मनाने के फैसले पर दुखी और हैरान हूं. और मुख्यमंत्री खुद यह दावा कर रहे हैं कि देश के एकीकरण और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका के चलते भाजपा सरकार ऐसा कर रही है. लेकिन… उनका मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं है. आप ये दिन इसलिए मना रहे हैं क्योंकि केंद्र ने ऐसा करने को कहा है.’
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन को केंद्र के हाथों की ‘कठपुतली’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘… मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानियों को धोखा मत दीजिये, उनका अपमान मत कीजिये. मणिपुर के वर्तमान स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान मत कीजिए. मणिपुर की जनता का अपमान मत कीजिये. इसलिए, मैं ये दोबारा कह रहा हूं, आप, आइये, मुझे दोबारा गिरफ्तार कीजिये, लेकिन मैं फिर भी कहूंगा… आप हिंदुत्व के हाथों की कठपुतली हैं.’
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक राहुल गांधी ने लिखा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बुरी ताकतें हिंसा फैला रही हैं, जबकि राज्य से जवाबदेही लेने वालों को जेल की सजा हो रही है. कांग्रेस किशोरचंद्र के साथ एकजुटता के साथ खड़ी है और किसी भी तरह से समर्थन के लिए तैयार रहेगी.’
भारतीय पत्रकार संघ और भारतीय प्रेस परिषद ने पहले ही किशोरचंद्र की हिरासत की निंदा की थी और उनकी रिहाई की मांग की है.
जेल होने पर पत्रकार ने कहा, ‘मेरी आवाज बहुत मुखर है, इसलिए सरकार मुझे चुप कराने की कोशिश कर रही है, मेरी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है ताकि मैं इनके खिलाफ न बोल सकूं. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यह एक लोकतांत्रिक देश है और हमें बोलने का पूरा अधिकार है. ये मेरे पीछे इसलिए पड़े हैं क्योंकि 2019 के आम चुनावों में मैं जोर-शोर से उनके खिलाफ बोल सकता हूं. लेकिन मैं तब तक लड़ूंगा जब तक मैं रिहा नहीं हो जाता. हर एक, जागो, डरो मत, इसमें मेरा साथ दो. यही मणिपुर के लोगों के लिए मेरा संदेश है.’