एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आंकड़े रोज़गार में बढ़ोतरी को दिखानें में असमर्थ हैं. युवाओं को भविष्य के लिए कौशल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी निर्माता बनने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’
मुंबई: रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में नौकरियों की मांग और आपूर्ति के बीच एक अंतर है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर कौशल विकास और मजबूत आंकड़ों की आवश्यकता है. केंद्रीय मंत्री भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ रोजगार सृजन पर चर्चा कर रहे थे.
सीआईआई के कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘हम उपलब्ध डेटा और वास्तविक स्थिति के बीच अंतर को समझने के लिए उद्योग जगत के साथ बातचीत कर रहे हैं. हम कई स्थानों की वास्तविक स्थिति और नौकरी की कमी को लेकर हो रही बहस को लेकर बात कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि उद्यमियों के पास नौकरियां हैं लेकिन कुशल प्रतिभाओं को तलाशना उनके लिए मुश्किल है. गोयल ने यह भी कहा कि सरकार जॉब आंकड़ों को लाने के लिए बेहतर तरीकों पर काम कर रही है. मंत्री ने कहा, ‘हम बेहतर तरीके से काम करने के लिए सीआईआई के साथ बातचीत कर रहे हैं.’
शनिवार को मुंबई में विभिन्न कार्य समूहों के साथ उनकी चर्चा ने नौकरियों पर एक मजबूत डेटा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, ‘उद्यमिता को आंकड़ों में मान्यता नहीं मिलती है.’
गोयल ने कहा, ‘उपलब्ध डेटा बहुत समावेशी नहीं है और कई नए-पुराने उद्योगों को शामिल नहीं करता है, जैसे की टैक्सी समूब जो कि लागों लोगों को रोजगार देते हैं.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर 2018 में देश में बेरोजगारी दर 7.4% तक पहुंच गई, जो कि 15 महीनों में सबसे अधिक है.
आंकड़ों से यह भी पता चला कि 2018 में लगभग 1.1 करोड़ नौकरियां चली गईं. सीएमआईई ने इसके लिए नोटबंदी (नवंबर 2016) और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)जुलाई 2017) को जिम्मेदार ठहराया है.
पीयूष गोयल ने कहा, ‘रोजगार के अवसरों में तेजी से वृद्धि हुई है, हालांकि आंकड़े इस बढ़ती प्रवृत्ति को पर्याप्त रूप से दिखानें में असमर्थ हैं. युवाओं को भविष्य के लिए कौशल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी निर्माता बनने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’
महाराष्ट्र में चल रहे बुनियादी ढांचे के विकास का उल्लेख करते हुए, गोयल ने कहा, ‘महाराष्ट्र रोजगार सृजन और राज्य द्वारा प्रदान किए जाने वाले अवसरों को उदाहरण के रूप में पेश करता है.’