गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जो भी देश छोड़कर भागा है, उसे वापस लाया जाएगा. पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने 7.080 करोड़ रुपये की और नीरव मोदी ने 6,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है.
नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में आरोपी भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है. चोकसी ने कैरिबियाई देश एंटीगुआ में अपने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया है. कहा जा रहा है नीरव मोदी के मामा चोकसी द्वारा भारत नागरिकता को छोड़ना दरअसल प्रत्यर्पण के दरवाज़े को बंद करने का प्रयास है.
59 वर्षीय चोकसी ने अपने पासपोर्ट (नंबर Z- 3396732) को रद्द कराने के लिए एंटीगुआ स्थित भारतीय उच्चायोग में 177 डॉलर की फ़ीस भी जमा करवाई है. चोकसी ने अपना नया पता जॉली हार्बर, सेंट मार्क्स, एंटीगुआ बताया है.
विदेशी नागरिकता लेने के बाद भारतीय नागरिकों को अपना पासपोर्ट जमा कराना होता है.
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि चोकसी के पास दो देशों की नागरिकता नहीं हो सकती है और फिलहाल भारत सरकार चौकसी को वापस लाने के लिए प्रयास कर रहा है. भारत और एंटीगुआ में द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है, लेकिन सरकार इस द्वीपीय राष्ट्र के अंतराष्ट्रीय क़ानून के तहत एंटीगुआ से चोकसी को वापस लाने की कोशिश कर रही है.
पिछले साल अगस्त में भारत ने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ सरकार से आग्रह किया था. यह आग्रह करने के लिए भारत की ओर से एक टीम को भी एंटीगुआ भेजा गया था.
बीते साल 13 दिसंबर को इंटरपोल ने भगोड़े अरबपति मेहुल चोकसी के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. रेड कॉर्नर नोटिस एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट है. इसमें इंटरपोल अपने सदस्य देशों से अन्य सदस्य देश में वांछित भगोड़े अपराधी को पकड़ने, हिरासत में लेने को कहता है.
मालूम हो कि जनवरी, 2018 में अपने भांजे और पीएनबी घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के साथ देश छोड़कर भागने वाले गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मेहुल चोकसी (59), उसकी पत्नी अमी मोदी और भाई निशाल मोदी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी.
इस ख़बर के सामने आने के बाद चोकसी ने दावा किया था कि उसने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पिछले वर्ष कैरेबियाई देश एंटीगुआ की नागरिकता ली थी. एंटीगुआ की स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, चोकसी का दावा है कि एंटीगुआ के पासपोर्ट पर 132 देशों में बिना वीजा के यात्रा करने की छूट है.
Union Home Minister Rajnath Singh on #MehulChoksi : Our govt has passed Fugitive Economic Offenders bill. Those who have fled, will be brought back. It might take some time but they all will be brought back. pic.twitter.com/w3IinkbmlC
— ANI (@ANI) January 21, 2019
वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जो भी देश छोड़कर भागा है, उसे वापस लाया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों विधेयक पारित किया है. जो भाग गए हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा. इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन इन सभी को वापस लाया जाएगा.’
नागरिकता को लेकर विवाद होने पर एंटीगुआ सरकार की ओर स्पष्टीकरण जारी किया गया था. एंटीगुआ सरकार की ओर से कहा गया था कि जब कैरेबियाई देश (एंटीगुआ) ने 2017 में मेहुल चोकसी को नागरिकता देने से पहले उसकी पृष्ठभूमि की जांच की थी तब भारतीय एजेंसियों ने इस भगोड़े अरबपति के ख़िलाफ़ कोई मामला दर्ज नहीं किया था.
बहरहाल सीबीआई ने पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और चोकसी दोनों के ख़िलाफ़ अलग-अलग आरोप पत्र दाख़िल किए हैं.
अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पीएनबी के 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में से चोकसी ने 7.080.86 करोड़ रुपये की और नीरव मोदी ने 6,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. पीएनबी फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई एवं ईडी कर रही है.