2014 के चुनावों में ईवीएम हैक करने संबंधी दावे को लेकर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया

एक कथित साइबर हैकर ने दावा किया था कि उसने 2014 के चुनाव के दौरान ईवीएम हैक किया था. हैकर के दावे को ख़ारिज करते हुए चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में केस दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था.

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(फोटो: रॉयटर्स)

एक कथित साइबर हैकर ने दावा किया था कि उसने 2014 के चुनाव के दौरान ईवीएम हैक किया था. हैकर के दावे को ख़ारिज करते हुए चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में केस दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था.

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने लंदन में एक कथित हैकर द्वारा ईवीएम हैक करने के दावे और 2014 के आम चुनावों में धांधली के आरोपों के संबंध में चुनाव आयोग द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर एक मामला दर्ज किया है.

गौरतलब है कि कथित साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा ने ईवीएम हैकिंग और चुनावों में धांधली के आरोप लगाए थे.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा, ‘चुनाव आयोग से मिली शिकायत के आधार पर, संसद मार्ग थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (लोगों के मन में डर पैदा करने वाली अफवाह फैलाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की. क़ानून के अनुसार कार्रवाई होगी.’

अधिकारी ने कहा कि चूंकि धारा 505 असंज्ञेय है, इसलिए पुलिस ने जांच शुरू करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है.

उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच विशेषज्ञ एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए क्योंकि इसमें गहन जांच तथा साइबर उपकरणों के इस्तेमाल की ज़रूरत होगी.

आयोग ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को शिकायत देकर उससे सैयद शुजा के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था.

चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को लिखे एक पत्र में कहा था कि सैयद शुजा ने आईपीसी की धारा 505 (1) का कथित तौर पर उल्लंघन किया है. यह धारा दहशत पैदा करने वाले अफवाह फैलाने से संबद्ध है.

शुजा ने सोमवार को लंदन में संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि ईवीएम हैक की जा सकती है और 2014 लोकसभा चुनावों में धांधली हुई थी.

शुजा ने दावा किया था कि भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उसने ईवीएम हैक की थी. हैकर ने यह भी दावा किया कि ट्रांसमीटर के ज़रिये ईवीएम में हैकिंग की गई थी और हैकिंग के लिए विभिन्न दलों ने उससे संपर्क किया था.

शुजा ने दावा किया था कि वह उस टीम का हिस्सा रहा है जिसने भारत में इस्तेमाल होने वाले ईवीएम को डिज़ाइन किया है. शुजा ने लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि वह यह दिखा सकता है कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है.

हालांकि चुनाव आयोग के लिये ईवीएम बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ने ईवीएम को हैक करने का दावा करने वाले सैयद शुजा के 2009 से 2014 के बीच कंपनी के साथ किसी भी भूमिका में काम करने से बीते मंगलवार को इनकार कर दिया था.

ईसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल संजय चौबे (से.नि.) ने मंगलवार को आयोग को शुजा के ईसीआईएल के लिये काम करने संबंधी मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुए यह जानकारी दी है.

शुजा इस कॉन्फ्रेंस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये शामिल हुआ था. शुजा ने यह भी दावा किया कि इसकी जानकारी पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे को थी.

मीडिया में यह ख़बर आने के बाद चुनाव आयोग ने इस दावे को ख़ारिज किया है और एक बार फिर स्पष्ट किया है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है.

इसके बाद चुनाव आयोग की ओर से कहा गया था, ‘एक हैकर द्वारा ईवीएम हैक करने का दावा हमारे संज्ञान में आया है. हम दुर्भावना से प्रेरित इस दावे को नहीं मानते. चुनाव आयोग ईवीएम के टेंपर प्रूफ होने की अपनी बात पर कायम हैं. इस संबंध में विचार किया जा रहा है कि क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.’

आयोग ने शिकायत में पुलिस से लोगों के मन में ‘डर पैदा करने’ के लिए अफवाहें फैलाने से जुड़े भारतीय दंड संहिता की धाराओं के उल्लंघन के मामले में तुरंत जांच करने को कहा था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)