कॉम्बिफ्लेम, डी-कोल्ड टोटल समेत 60 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं

केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इन दवाओं को लेकर चेतावनी जारी की है. इस साल मार्च में इन दवाओं पर टेस्ट किए गए थे.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Wikimedia Commons)

केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इन दवाओं को लेकर चेतावनी जारी की है. इस साल मार्च में इन दवाओं पर टेस्ट किए गए थे.

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(प्रतीकात्मक फोटो)

देश की सबसे लोकप्रिय दर्द निवारक दवाओं में से एक कॉम्बिफ्लेम तय मानकों पर खरी नहीं उतरी है. इसके अलावा सर्दी और सिरदर्द में इस्तेमाल होने वाली दवा डी कोल्ड टोटल की गुणवत्ता भी ठीक नहीं पाई गई है.

कॉम्बिफ्लेम समेत तकरीबन 60 दवाएं ऐसी हैं जो अलग-अलग मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं. केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इन दवाओं को लेकर एक चेतावनी जारी की है. ये टेस्ट इस साल मार्च में किए गए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सीडीएससीओ की जांच में कॉम्बिफ्लेम के अलावा सर्दी और सिरदर्द में इस्तेमाल होने वाली दवा डी-कोल्ड टोटल, सिप्ला कंपनी की ऑफलाक्स-100 डीटी टैबलेट, थियो-अस्थालिन टैबलेट और कैडिला कंपनी की कैडिलोज की गुणवत्ता ठीक नहीं मिली है.

कॉम्बिफ्लेम के बैच नंबर A151195 से अक्टूबर 2015 में बनी दवाएं सीडीएससीओ की ओर से किए गए डिसइंटीग्रेशन टेस्ट में फेल हो गईं. पिछले साल फरवरी, अप्रैल और जून में किए गए डिसइंटीग्रेशन टेस्ट में कॉम्बिफ्लेम तय मानकों पर खरी नहीं उतरी है.

इसके बाद कॉम्बिफ्लेम की तमाम खेप जिनकी सप्लाई भारत के अलग-अलग बाज़ारों में की जा चुकी थी, उन्हें कंपनी वापस ले रही है. यह जानकारी इसकी निर्माता कंपनी सनोफी इंडिया ने दी है. सनोफी फ्रांस की दवा निर्माता कंपनी है.

रिपोर्ट के अनुसार, कॉम्बिफ्लेम डिसइंटीग्रेशन टेस्ट में फेल रही. यह टेस्ट किसी कैप्सूल या टैबलेट के शरीर में पहुंचने के बाद घुलने के समय को मापने के लिए होता है.