भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मैं सपने दिखाने वालों में से नहीं हूं. मैं जो भी बोलता हूं, वह शत-प्रतिशत डंके की चोट पर पूरा होता है.
नागपुर: भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जो नेता सपने दिखाता है, वह जनता को अच्छा लगता है, लेकिन जब वह वादा पूरा नहीं कर पाता तो जनता उसकी पिटाई भी करती है.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, भाजपा की परिवहन इकाई नवभारतीय शिव वातुक संगठन (एनएसवीएस) के उद्धघाटन समारोह में बोलते हुए गडकरी ने कहा, ‘सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है. इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकें. मैं सपने दिखाने वालों में से नहीं हूं. मैं जो भी बोलता हूं, वह शत-प्रतिशत डंके की चोट पर पूरा होता है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्री ने अपने मंत्रालय की महत्वाकांक्षी परियोजना जिसमें नदियों को जलमार्गों में बदलने और सड़क परिवहन को और अधिक विश्वसनीय बनाने की योजना पर प्रकाश डाला. गडकरी ने कहा कि राज्य में 5 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.
रविवार के समारोह में, गडकरी ने बॉलीवुड अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर को भाजपा में शामिल कराया और उन्हें एनएसवीएस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है. ईशा मुंबई में भाजपा की महिला परिवहन विंग की प्रमुख होंगी और सड़क सुरक्षा के मुद्दों पर पार्टी की ब्रांड एंबेसडर होंगी.
पूर्व शिवसेना नेता और महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के मौजूदा अध्यक्ष हाजी अराफात शेख एनएसवीएस के प्रमुख होंगे, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे.
ग़ौरतलब है कि दिसंबर में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के वार्षिक एंडॉवमेंट लेक्चर में गडकरी ने कहा था, ‘अगर मैं पार्टी अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद, विधायक अच्छा नहीं कर रहे हैं, तो कौन जिम्मेदार है? मैं हूं.’ मालूम हो कि उनका ये बयान राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार के बाद आया था. हालांकि गडकरी ने बाद में कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.
गडकरी ने अपने बयान में कहा था, ‘जीत का श्रेय लेने के लिए सब आगे आते हैं, लेकिन हार की ज़िम्मेदारी कोई नहीं लेता. नेता में हार और जीत दोनों की ज़िम्मेदारी लेने का साहस होना चाहिए.’