गुजरात: शिक्षा मंत्री ने आसाराम की संस्था को 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने की बधाई दी

बलात्कार के दोषी आसाराम की योग-वेदांत सेवा समिति को आधिकारिक लेटर पैड पर चिट्ठी लिखने पर विवाद होने पर शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा ने कहा कि उन्होंने शुभेच्छा भेजकर कोई ग़लत काम नहीं किया.

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भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा और आसाराम (फोटो: फेसबुक और पीटीआई)

बलात्कार के दोषी आसाराम की योग-वेदांत सेवा समिति को आधिकारिक लेटर पैड पर चिट्ठी लिखने पर विवाद होने पर शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा ने कहा कि उन्होंने शुभेच्छा भेजकर कोई ग़लत काम नहीं किया.

भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा और आसाराम (फोटो: फेसबुक और पीटीआई)
भूपेंद्र सिंह चूडास्मा और आसाराम (फोटो: फेसबुक और पीटीआई)

गांधीनगर: गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा ने बलात्कार के दोषी आसाराम की योग-वेदांत सेवा समिति को पत्र लिखकर उसके द्वारा को 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मानने के लिए बधाई दी है.

अपने आधिकारिक लेटर पैड पर गुजराती भाषा में लिखे गये इस खत में भूपेंद्र सिंह ने लिखा है, ‘आपकी संस्था 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाकर सराहनीय काम कर रही है. जो माता-पिता और गुरु की सेवा करते हैं, वो अपने आप में सम्मानित हैं.’

उन्होंने आगे लिखा है, ‘भारतीय संस्कृति में एक सूत्र है, मातृ देवो भव, पितृ देवो भव और आचार्य देवो भव- सबको प्रेरित करता है. आपकी संस्था ने एक नई पहल की है जिसके तहत 14 फरवरी 2019 को आपके आश्रम में मातृ-पितृ दिवस मनाया जाएगा. मैं उम्मीद करता हूं कि इस शुरुआत को बड़ी सफलता है और युवक-युवतियां अपने माता-पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें.’

पत्र के अंत में उन्होंने संगठन को इस नेक काम के लिए बधाई दी है.

भूपेंद्र सिंह चूडास्मा गुजरात की धोलका सीट से पांच बार के विधायक हैं. कृषि मंत्रालयों के साथ-साथ वे नर्मदा निगम के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और इसके अलावा वे गुजरात योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

इस पत्र पर विवाद होने पर जब उनसे सवाल किए गए तब उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया. नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार उन्होंने कहा, ‘यह बहुत छोटा मामला है, इसे बड़ा न बनाएं.’

जनसत्ता के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने शुभेच्छा भेजकर कोई ग़लत काम नहीं किया है.

मालूम हो कि 2018 में जोधपुर की अदालत ने यूपी के शाहजहांपुर की नाबालिग युवती से बलात्कार के मामले में आसाराम को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद से 77 वर्षीय आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं.