30 अक्टूबर, 2008 को असम के चार ज़िलों में हुए 11 सिलसिलेवार विस्फोटों में 87 लोग मारे गए थे. इस मामले के मुख्य आरोपी दैमरी को बांग्लादेश में गिरफ़्तार किया गया था और 2010 में भारत को सौंप दिया गया था.
नई दिल्ली: नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के संस्थापक रंजन दैमरी और नौ अन्य को 2008 के असम सीरियल ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सीबीआई की विशेष अदालत ने मामले में 14 को दोषी ठहराए जाने के दो दिन बाद बुधवार को सजा सुनाई. बाकी चार ने अपनी सजा काट ली है और मामले में जुर्माना अदा किया है.
30 अक्टूबर, 2008 को असम के चार जिलों में हुए 11 सिलसिलेवार विस्फोटों में 87 लोग मारे गए थे. सीबीआई ने उसी साल इस मामले में केस दर्ज किया था. इस मामले के मुख्य आरोपी दैमरी को बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया था और 2010 में भारत को सौंप दिया गया था.
दैमरी को 2013 में जमानत पर रिहा किया गया था और वो वर्तमान में सरकार के साथ शांति वार्ता में भाग ले रहे हैं. जिन अन्य लोगों को दोषी ठहराया गया है वे सभी एनडीएफबी से जुड़े हुए हैं.
जॉर्ज बोडो, बी. थराई, राजू सरकार, अंचाई बोडो, इंद्र ब्रह्मा, लोको बासुमतारी, खरगेश्वर बासुमतारी, प्रभात बोडो, जयंत बोडो, अजय बासुमतारी, मथुराम ब्रह्मा और राजेन्द्र गोयल को सजा दी गई है. अभियोजन पक्ष ने सभी के लिए मौत की सजा की अपील की थी.
एनडीएफबी संगठन एक अलग बोडोलैंड बनाने की मांग कर रहा है. इस संगठन में दो प्रमुख गुट हैं. एक दैमरी गुट और एक एनडीएफबी-प्रगतिशील. दोनों ने सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए सहमति जताई है.
बी. साओरैग्वरा की अगुवाई वाला एनडीएफबी-प्रगतिशील गुट अभी भी सक्रिय है और भूमिगत है.