नागरिकता विधेयक के विरोध में मणिपुरी फिल्मकार लौटाएंगे पद्मश्री सम्मान

82 वर्षीय अरिबम श्याम शर्मा ने कहा कि विवादित विधेयक को लेकर लोगों की चिंताओं पर ध्यान नहीं देने वाली सरकार का दिया हुआ पुरस्कार रखना नैतिक रूप से गलत होगा.

अरिबम श्याम शर्मा (फोटो: विकिपीडिया)

82 वर्षीय अरिबम श्याम शर्मा ने कहा कि विवादित विधेयक को लेकर लोगों की चिंताओं पर ध्यान नहीं देने वाली सरकार का दिया हुआ पुरस्कार रखना नैतिक रूप से गलत होगा.

अरिबम स्याम शर्मा (फोटो: विकिपीडिया)
अरिबम श्याम शर्मा (फोटो: विकिपीडिया)

इम्फाल: 82 वर्षीय मशहूर मणिपुरी फिल्मकार और संगीतकार अरिबम श्याम शर्मा ने रविवार को राजधानी इम्फाल में केंद्र सरकार के नागरिकता विधेयक के विरोध में 2006 में मिले पद्मश्री सम्मान को वापस करने की घोषणा कर दी.

एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, नागरिकता विधेयक को लेकर पूरे पूर्वी भारत में विरोध हो रहा है. इस बिल के जरिए केंद्र सरकार पड़ोसी देशों के गैर मुसलमानों को भारत की नागरिकता देने की योजना है. अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाइ और पारसी लोगों को नागरिकता देने का जो विधेयक लाया गया, उसे लोकसभा ने पारित कर दिया है.

विधेयक को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पूर्वोत्तर के क्षेत्रीय दलों ने भी नाराजगी जाहिर की है. आलोचकों का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम विरोधी है और आगामी चुनावों को देखते हुए भाजपा हिंदुत्ववादी तुष्टिकरण की राजनीती करने का प्रयास कर रही है.

पिछले महीने असम की भाजपा सरकार को तब बड़ा झटका लगा था जब 80 के दशक में अवैध आप्रवासी विरोधी आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के आठ सदस्यों ने सरकार को एक पुरस्कार को लौटाने का निर्णय लिया था. दरअसल, उन्हें यह पुरस्कार 2016 में सर्बानंद सोनोवाल सरकार ने दिया था.

विधेयक का विरोध करते हुए ऐसे 125 परिवारों ने गुवाहाटी में एक रैली निकालकर अपना पुरस्कार लौटाया. असम आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले 855 लोगों का परिवार इस विधेयक को अपमान के रूप में देख रहा है.

लोकसभा से पास हो चुके इस विधेयक को अगले सत्र में राज्यसभा के पेश किया जाएगा. ऐसी माना जा रहा है कि वहां विपक्षी दलों द्वारा इसका ख़ासा होगा. बाहरी लोगों को देश में प्रवेश देने के विरोध में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं वहीं सामाजिक समूहों ने धार्मिक आधार पर प्रवासियों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाया है.

अब तक पूर्वोत्तर के कम से कम चार मुख्यमंत्रियों ने विधेयक को लेकर चिंता जता चुके हैं. पूर्वोत्तर में बढ़ते विरोध के चलते केंद्र सरकार से इस विधेयक को रद्द करवाने के लिए एकजुट प्रयास करने की दिशा में हाल ही में मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा और मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने दिल्ली का दौरा किया था.

द हिंदू की ख़बर के मुताबिक, शर्मा ने कहा कि विवादित विधेयक को लेकर लोगों की चिंताओं पर ध्यान नहीं देने वाली सरकार का दिया हुआ पुरस्कार रखना नैतिक रूप से गलत होगा.

शर्मा को उनके 40 वर्षीय फिल्मी जीवन में कई प्रतिष्ठित फिल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. इनमें इमाजी निंगथम (मेरा अमूल्य बेटा, 1981), इशानू और संगाई-द डांसिंग डियर जैसी फिल्में शामिल हैं. 1970 के दशक में मणिपुर में सिनेमा में क्रांतिकारी बदलाव लाने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है.