रविवार को कोलकाता के पुलिस कमिश्नर से चिट फंड घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंचे सीबीआई अधिकारियों को राज्य पुलिस ने हिरासत में लिया था. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राज्य में तख्तापलट करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गईं.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह चिट फंड घोटाला मामले में जांच में सहयोग के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को दिशानिर्देश जारी करे. इसके साथ ही उसने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को भी पेश करवाने की मांग की. इस बीच केंद्र सरकार पर तख्तापलट के प्रयास का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अनिश्चितकाली धरने पर बैठी हुई हैं.
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ में सीबीआई की ओर से पेश होते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारी टीम को गिरफ्तार किया गया और कथित हिरासत में रखा गया. कोलकाता पुलिस को तत्काल आत्मसमर्पण करना चाहिए. मेहता ने कुमार को इस मामले में संभावी आरोपी बताया.
उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश है इसलिए केंद्र अवमानना की कार्रवाई भी चाहता है.
इस पर पीठ ने मेहता से कहा कि उसने सीबीआई का आवेदन देख लिया है और उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो उनके सबूत नष्ट किए जाने के दावे की पुष्टि करे. इस पर मेहता ने कहा कि पिछली रात जब इस आवेदन को तैयार किया जा रहा था तब वे रिकॉर्ड्स उनके पास नहीं थे क्योंकि वे स्थानीय पुलिस के पास थे.
इस पर अदालत ने कहा कि अगर एजेंसी ऐसा एक भी सबूत पेश कर पाती है जो यह साबित कर दे कि कुमार सबूतों को नष्ट कर सकते हैं तो वह उन पर ऐसी सख्त कार्रवाई करेगी कि उन्हें पछतावा होगा.
Hearing on CBI plea in SC: CJI Gogoi says, "If Kolkata Police Commissioner even remotely thinks of destroying evidence, bring the material before this Court. We will come down so heavily on him that he will regret." #WestBengal pic.twitter.com/4VRhH7b4Ff
— ANI (@ANI) February 4, 2019
मेहता ने कहा कि यह असामान्य है कि प्रशासनिक विभाग राजनीतिक दल के साथ धरने पर बैठा हुआ है, इसे अदालत द्वारा तत्काल रोका जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल में अप्रत्याशित हालात पैदा होने का हवाला देते हुए मेहता ने सोमवार दोपहर को मामले की सुनवाई का वक्त मांगा. हालांकि, अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार की सुबह का समय दिया.
CBI plea in SC seeking directions to Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar to cooperate with the investigation in Saradha chit fund case: Chief Justice of India says "we will hear the matter tomorrow." https://t.co/qRltVtBtxJ
— ANI (@ANI) February 4, 2019
यह है घटनाक्रम:
पश्चिम बंगाल में रविवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राज्य में तख्तापलट करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संविधान बचाने का नारा देते हुए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गईं.
यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब सीबीआई के अधिकारियों ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर से दो चिटफंड घोटाले के मामले में पूछताछ की कोशिश की. इस घोटाले में राज्य के बड़े राजनेताओं के शामिल होने का आरोप है.
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee at 'Save the Constitution' dharna in #Kolkata. She has been staging dharna since last night over CBI issue. pic.twitter.com/rFLuBIghfs
— ANI (@ANI) February 4, 2019
ख़बरों के मुताबिक, इस दौरान सीबीआई के कुछ अधिकारियों को कोलकाता पुलिस ने कुछ घंटे के लिए हिरासत में ले लिया. इसकी वजह से सीबीआई दफ्तरों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी.
रविवार की शाम लगभग 6 बजे सीबीआई की 40 सदस्यों की एक टीम शारदा और रोज वेली पोंजी स्कीम की जांच में हुई प्रगति की पूछताछ के लिए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के निवास पर पहुंची.
हालांकि, राजीव कुमार के गार्ड्स ने उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद दोनों टीमों के बीच हाथापाई हुई जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने सीबीआई टीम को हिरासत में ले लिया. कुछ घंटों बाद हिरासत में लिए गए सीबीआई अधिकारियों को कोलकाता पुलिस ने छोड़ दिया.
West Bengal: All five CBI officers that were detained by police at Shakespeare Sarani police station in Kolkata have been released. pic.twitter.com/FMS2MzrDAX
— ANI (@ANI) February 3, 2019
कुछ ही समय बाद सीबीआई कार्रवाई के विरोध में राज्य की पुलिस टीम ने कोलकाता में सीबीआई दफ्तर को घेर लिया. हालांकि, जल्द ही पुलिस वहां से चली और केंद्र सरकार के नियंत्रण वाले अद्धसैनिक बलों की टीम वहां तैनात हो गई.
West Bengal: Central Reserve Police Force (CRPF) units arrive at CBI regional office at CGO Complex, Kolkata. pic.twitter.com/ii8sCFY4O0
— ANI (@ANI) February 3, 2019
पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया कि पुलिस कमिश्नर के आवास पर पहुंची सीबीआई टीम के पास कोई वारंट नहीं था और वह एक खुफिया अभियान पर थी. हालांकि, इन आरोपों को खारिज करते हुए सीबीआई ने दावा किया कि उसके पास आवश्यक दस्तावेज थे.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि कुमार ने सबूतों के नष्ट करने और केस में दखलअंदाजी की कोशिश की. अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए सीबीआई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
इस तनातनी के बाद रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दोषी ठहराया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह देश और संविधान बचाने के लिए कोलकाता में धरने पर बैठ रही हैं.
2 फरवरी को अज्ञात सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे ने कहा था कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई गिरफ्तार करने वाली थी लेकिन वे फरार थे. इसके बाद 3 फरवरी को बनर्जी ने कुमार के फरार होने की खबरों को झूठा करार दिया था. वहीं कोलकाता पुलिस ने कहा कि इस तरह की मानहानि के लिए वह मीडिया संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
सीबीआई ने टीएमसी पर चिट फंड घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था लेकिन इस पर पटलवार करते हुए टीएमसी ने सीबीआई पर ही भाजपा की ओर से पक्षपातपूर्ण राजनीतिक उद्देश्य से काम करने का आरोप लगाया.
पिछले साल नवंबर में पश्चिम बंगाल ने राज्य में पूछताछ करने को लेकर सीबीआई के साथ आम सहमति को वापस ले लिया था. इसका मतलब हुआ कि अदालत द्वारा आदेश वाले मामलों को छोड़कर राज्य में जांच के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से अनुमति लेनी आवश्यक हो गई.
रविवार को माकपा को छोड़कर अन्य सभी बड़ी विपक्षी पार्टियां ममता बनर्जी के समर्थन में आ गईं. इससे पहले 19 जनवरी को ममता बनर्जी ने देशभर के विपक्षी नेताओं के साथ कोलकाता में ‘यूनाइटेड इंडिया’ रैली का आयोजन किया था.
रविवार को उन्होंने दावा किया कि सीबीआई का यह छापा उस रैली से जुड़ा हुआ है. वहीं इसके जवाब ने भाजपा ने ममता पर चिट फंड भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि कुमार ने उन सबूतों को नष्ट कर दिया जो उनकी भागीदारी साबित कर सकते थे.
Rahul Gandhi, Omar Abdullah, Akhilesh Yadav, Tejashwi Yadav, Chandrababu Naidu, Mayawati, Sharad Pawar, and Arvind Kejriwal spoke to Mamata Banerjee over phone and expressed solidarity. pic.twitter.com/QYm6TDsa1d
— ANI (@ANI) February 3, 2019
क्या है शारदा और रोज़ वैली चिट फंड घोटाला
पूरे पूर्वी भारत में फैली शारदा एक चिट फंड योजना का केंद्र पश्चिम बंगाल था. इस योजना में निवेश करने वाले कम से कम 100 रुपये से शुरुआत कर सकते थे और इसके बदले में उन्हें दोगुनी रकम दिए जाने का वादा किया जाता था.
आरोप है कि शारदा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया. 2013 में मामले के सामने आने के बाद बाजार नियामक सेबी ने शारदा पर पाबंदी लगा दी.
शारदा समूह को चलाने वाले लोगों को पश्चिम बंगाल में टीएमसी का करीबी माना जाता था. टीएमसी का एक सांसद इस फंड के मीडिया विभाग का प्रमुख था जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शारदा के दो दफ्तरों का उद्घाटन किया था. इससे लोगों के बीच में यह योजना तेजी से लोकप्रिय हुई.
रोज वेली में भी इस तरह से धोखाधड़ी की गई जिसमें राज्य के प्रभावशाली लोग शामिल थे. 2015 में बंद होने से पहले रोज वेली ने न सिर्फ बंगाली फिल्मों को फाइनेंस किया बल्कि आईपीएल की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स को स्पांसर भी किया था.
पिछले साल दिसंबर में एक अखबार की संपादक सुमन चट्टोपाध्याय को शारदा सहित तीन चिट फंडों से ऋण लेने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं 24 जनवरी को रोज वेली घोटाला मामले में सीबीआई ने बंगाली फिल्म प्रोड्यूसर श्रीकांत मोहता को गिरफ्तार किया था.