केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक कार्यक्रम में कहा कि नरेंद्र मोदी ने मुझे गुजरात से सांसद बनाया, राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तावित किया. जब मुझे मानव संसाधन मंत्री के तौर पर सेवा करने का मौका मिला, तो नेतृत्व के अलावा किसी को मुझ पर भरोसा नहीं था.
पुणे: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस दिन राजनीति से संन्यास लेंगे, उस दिन वह भी राजनीति को अलविदा कह देंगी. स्मृति ने रविवार को पुणे में वर्ड्स काउंट महोत्सव के दूसरे संस्करण में परिचर्चा के दौरान यह बयान दिया. हालांकि, स्मृति ने कहा कि मोदी अभी कई बरस तक राजनीति में रहेंगे.
इस दौरान अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने किसी तरह का जवाब देने से इनकार किया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्मृति ने कहा कि हर कोई जानना चाहता है कि क्या मैं अमेठी से चुनाव लड़ूंगी. इस मामले में अमित शाह फैसला लेंगे.
Smriti Irani on being asked 'when will one see pradhan sevak Smriti Irani", at Words Count festival in Pune: Never.I entered politics to work under charismatic leaders.I was very lucky to work under leadership of late Atal Bihari Vajpayee&I'm currently serving under Narendra Modi pic.twitter.com/liXxvPYuxf
— ANI (@ANI) February 4, 2019
कार्यक्रम में स्मृति ईरानी से पूछा गया कि क्या देश कभी उन्हें प्रधान सेवक की भूमिका में देख पाएगा तो इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं खुद को काफी भाग्यशाली मानती हूं कि मैंने अटल बिहारी वाजपेयी जैसे करिश्माई नेता के साथ काम किया है और मौजूदा समय में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रही हूं और जिस दिन प्रधान सेवक संन्यास ले लेंगे, मैं भी उसी दिन राजनीति को अलविदा कह दूंगी.’
स्मृति ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी ने मुझे गुजरात से सांसद बनाया और गुजरात से राज्यसभा के लिए चुनाव के दौरान उन्होंने उम्मीदवार के तौर पर मेरे नाम का प्रस्ताव रखा. जब मुझे मानव संसाधन मंत्री के तौर पर सेवा करने का मौका मिला, तो नेतृत्व के अलावा किसी ने नहीं सोचा था कि मैं इस पर खरी उतरूंगी.’
उन्होंने कहा, ‘जब मुझे कपड़ा मंत्रालय दिया गया तो मैंने महसूस किया कि कई योजनाओं के क्रियान्वयन में 10-20 फीसदी की कमी है. हमने तुरंत सुनिश्चित किया कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन शत-प्रतिशत हो.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मुझे सेलिब्रिटी पत्रकारों, नेताओं और अन्य ने ट्रोल भी किया. आपको अपमानित करने या सेक्सुअली ऑब्जैक्टिफाई करने के पीछे मंशा यही होती है कि आपके जज्बे को तोड़ा जा सके. मुझे शुरुआत में सिखाया गया कि माफ कर दो लेकिन भूलो मत.’
प्रियंका गांधी के राजनीति में प्रवेश के सवाल पर स्मृति ने उन्हें मिसेज वाड्रा संबोधित कर कहा कि यह एक आजाद मुल्क है, जहां हर कोई खुद अपने फैसले ले सकता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)