जो घर नहीं संभाल सकते, वो देश भी नहीं संभाल सकते: नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में यह बात कही.

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New Delhi: Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari releases a book during inauguration of the 29th National Road Safety Week 2018 in New Delhi on Monday. PTI Photo by Kamal Singh (PTI4_23_2018_000031B)
नितिन गड़करी (फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में यह बात कही.

New Delhi: Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari releases a book during inauguration of the 29th National Road Safety Week 2018 in New Delhi on Monday. PTI Photo by Kamal Singh (PTI4_23_2018_000031B)
नितिन गड़करी (फोटो: पीटीआई)

नागपुर: अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि जो लोग अपना घर नहीं संभाल सकते हैं, वे देश नहीं संभाल सकते. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व कार्यकर्ताओं को एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए गडकरी ने यह नसीहत दी.

एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘मैं कई लोगों से मिला हूं जिन्होंने कहा है कि हम भाजपा, देश के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं. मैं ऐसे लोगों से कहता हूं कि आप क्या कर रहे हैं और आपके परिवार में और कौन लोग हैं. वह बताता है कि मैंने अपनी दुकान बंद कर दी है क्योंकि वह ठीक से नहीं चल रही थी, घर में पत्नी, बच्चे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं उनसे कहता हूं, पहले अपने घर की देखभाल करें, क्योंकि जो अपना घर नहीं संभाल सकता, वह देश नहीं संभाल सकता. ऐसे में पहले अपना घर संभालें और अपने बच्चे, संपत्ति देखने के बाद पार्टी और देश के लिए काम करें.’

बता दें कि गडकरी पहली बार अपने बयानों के लिए सुर्ख़ियों में नहीं आए हैं. दरअसल हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि जो नेता सपने दिखता है और उन्हें पूरा नहीं करता, तो जनता उसकी पिटाई करती है.

ग़ौरतलब है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा की हार के बाद गडकरी ने कहा था कि नेतृत्व को हार की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि जीत का श्रेय लेने सब आगे आते हैं, लेकिन हार की ज़िम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता.

पिछले साल दिसंबर महीने में गडकरी ने सड़कों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करने पर बल देते हुए कहा था कि सड़क खराब निकलने पर वह ठेकदारों पर बुलडोज़र चलवा देंगे.