ममता बनर्जी को मिला विपक्ष का समर्थन, राजद ने कहा- देखेंगे कि चुनाव के बाद जेल कौन जाएगा

पश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआई के बीच हुई तनातनी पर विपक्षी दलों ने ममता बनर्जी को समर्थन देते हुए सीबीआई की कार्यशैली पर उठाए सवाल.

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Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee during a sit-in over the CBI's attempt to question the Kolkata Police commissioner in connection with chit fund scams, in Kolkata, Monday, Feb. 04, 2019. (PTI Photo/Ashok Bhaumik)(PTI2_4_2019_000159B)
ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

पश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआई के बीच हुई तनातनी पर विपक्षी दलों ने ममता बनर्जी को समर्थन देते हुए सीबीआई की कार्यशैली पर उठाए सवाल.

Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee during a sit-in over the CBI's attempt to question the Kolkata Police commissioner in connection with chit fund scams, in Kolkata, Monday, Feb. 04, 2019. (PTI Photo/Ashok Bhaumik)(PTI2_4_2019_000159B)
ममता बनर्जी (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस आयुक्त से पूछताछ की सीबीआई की कोशिश के खिलाफ रविवार से धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विपक्ष के नेताओं का समर्थन मिल रहा है.

केंद्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच रविवार को पैदा हुई तनातनी की स्थिति के बीच तृणमूल कांग्रेस प्रमुख कोलकाता में मेट्रो सिनेमा के सामने धरने पर बैठी हुई हैं.

इस बीच सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार पर मामले से जुड़े सबूत नष्ट करने और अदालत की अवमानना करने का आरोप लगाया है.

इस मामले पर राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट किया, ‘बंगाल से मिल रही खबरों से हताश हूं. हर कीमत पर सत्ता फिर से हासिल करने को आमादा मोदी सरकार में संस्थाओं पर से भरोसा पूरी तरह उठ गया है. ममता जी इसका विरोध कर रही हैं और उन्हें इन कदमों के पीछे का मकसद समझने वालों का समर्थन प्राप्त है.’

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्यसभा में कामकाज निलंबित करने के लिए सदन में एक नोटिस दिया है और सीबीआई के दुरुपयोग पर बहस कराने की मांग की है.

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पश्चिम बंगाल में इस मामले को लेकर सभी विपक्षी दल सोमवार को निर्वाचन आयोग के पास जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘सदन के भीतर और बाहर हम सब साथ रहेंगे. हम जो भी कदम उठाएंगे, साथ उठाएंगे. यह सीबीआई नहीं है, यह अमित शाह और मोदी का तोता है. हमें संविधान, देश और संघीय संरचना को बचाना होगा. आज सभी विपक्षी दल निर्वाचन आयोग जाएंगे.’

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने संवाददाताओं से कहा कि हम विपक्ष के नेताओं के साथ दिल्ली में चर्चा करेंगे और राष्ट्रव्यापी मुहिम पर एक कार्य योजना तैयार करेंगे. उन्होंने कहा, ‘तेदेपा सांसद अन्य विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर सीबीआई संबंधी इस मामले का कड़ा विरोध करेंगे.’

लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने कहा कि विपक्ष का विरोध मोदी सरकार के गुरूर के खिलाफ है. झा ने कहा, ‘आलोक वर्मा मामले के बाद से सीबीआई की विश्वसनीयता नहीं बची है. हम देखेंगे कि चुनाव के बाद जेल कौन जाएगा.’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार सुबह ट्वीट किया, ‘पश्चिम बंगाल में जो हुआ, वह हमारे संविधान द्वारा दिए गए राज्य के संघीय अधिकारों पर हमला है. हम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ खड़े हैं.’

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी ममता बनर्जी के समर्थन में सामने आयीं।

उन्होंने कहा, ‘विपक्ष से बदले की भावना से जिस तरह से देश में सीबीआई जैसी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है… हम ममता जी के साथ खड़े हैं. अगर इसी तरह से संस्थाओं दुरुपयोग होता रहेगा तो संघीय ढांचा बिखर जाएगा.’

हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी.

भाजपा के समर्थन से बिहार में सरकार चला रहे नीतीश कुमार ने कहा, ‘इन घटनाओं के बारे में केवल वही लोग बता सकते हैं जो इसमें शामिल हैं. मैं इन बातों पर प्रतिक्रिया नहीं देता हूं. सीबीआई और वो सरकार, जिस पर सवाल हैं, वे ही इसका जवाब दे सकते हैं. जब तक चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं कर देता है तब तक देश में कुछ भी हो सकता है.’

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद ने भी सीबीआई की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.

पार्टी नेता सुस्मित पात्रा ने कहा कि हम एक परिपक्व लोकतंत्र हैं और हमें पेशेवराना रवैया अपनाना चाहिए. ओडिशा में भी पंचायत चुनावों से ठीक पहले सीबीआई की कार्रवाई हुई थी. अब आम चुनावों से पहले गैरपेशेवराना तरीके और राजनीतिक हथकंडे के रूप में ऐसी कार्रवाईयां हो रही हैं.

हालांकि, बाद में बीजद ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि मीडिया में आयी रिपोर्ट के आधार पर उनके बयान के कारण पार्टी को कुछ राजनीतिक दलों से जोड़ना गलत और भ्रामक है. उनका बयान केवल ओडिशा और राष्ट्रीय स्तर पर सीबीआई पर उठे सवालों के बारे में था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)