बहुत जल्द इंसानों के आधार कार्ड की तरह गाय और गोवंश के लिए भी यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी होगा. सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ये सुझाव दिया है.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है, देश की हर गाय और गोवंश के लिए एक पहचान संख्या होनी चाहिए ताकि उन पर नज़र रखी जा सके.
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने यह सुझाव दिया है. भारत-बांग्लादेश सीमा के ज़रिये गायों और मवेशियों की तस्करी रोकने के लिए तैयार की गई रिपोर्ट में ये सुझाव दिया गया है.
रिपोर्ट में सरकार ने कहा है कि लावारिस जानवरों की सुरक्षा और देखभाल की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. इसके अलावा हर ज़िले में कम से कम 500 लावारिस जानवरों को रखने के लिए एक आश्रय गृह होना चाहिए इससे तस्करी पर लगाम लगेगी.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने ये सिफारिशें दी हैं…
- हर गाय और उसकी संतान को यूआईडी नंबर दिया जाना चाहिए ताकि उन पर आसानी से नजर रखी जा सके.
- पशुओं के यूआईडी नंबर में उम्र, नस्ल, सेक्स, ऊंचाई, रंग, सींग के प्रकार के अलावा किसी ख़ास निशान की जानकारी होनी चाहिए.
- गाय और उसकी संतान के लिए यूआईडी नंबर देशभर में अनिवार्य हो.
- लावारिस पशुओं की सुरक्षा और देखरेख की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की है.
- हर जिले में ऐसे पशुओं के लिए कम से कम 500 पशुओं की क्षमता वाले आश्रय गृह होने चाहिए.
- उम्र के कारण दूध देना बंद करने वाले पशुओं का ख़ास ध्यान रखा जाना चाहिए क्योंकि ऐसे पशु की भारत से बाहर तस्करी होती है.
- परेशान किसानों के लिए कोई योजना लाई जानी चाहिए ताकि वो दूध देना बंद करने के बाद पशुओं को ना बेचें.
- आश्रय गृह के लिए राज्य सरकार को फंडिंग करनी चाहिए. अभी के आश्रय गृहों में सुविधाओं और कर्मचारियों की कमी है.
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में गोमांस की मांग सबसे ज़्यादा है. इसलिए यहां भारतीय गायों की मुंहमांगी कीमत मिलती है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के मुताबिक भारत से हर साल करीब साढ़े तीन लाख गायों को चोरी-छिपे बांग्लादेश सीमा पार करवाकर बेचा जाता है. तस्करी का सालाना कारोबार 15 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा का है.
गृह मंत्रालय के मुताबिक, साल 2014-2015 के दौरान बीएसएफ ने 34 गाय तस्करों को मुठभेड़ में मार गिराया. बीएसएफ बांग्लादेश सीमा से तस्करी करने के लिए ले जाईं जा रहीं 200 से 250 गायों को बीएसएफ रोजाना बरामद करती है. सबसे ज्यादा तस्करी असम से लगी बांग्लादेश सीमा पर होती है. असम से बांग्लादेश की तकरीबन 263 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है.
Centre in its report to Supreme court says "each cow and its progeny across India should get a Unique Identification Number for tracking"
— ANI (@ANI) April 24, 2017