सुप्रीम कोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह मामले की सुनवाई पटना से दिल्ली स्थानांतरित करने का आदेश दिया. सरकार से कहा, ‘हमें यह जानने का अधिकार है कि आप सरकार कैसे चला रहे हैं.’
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए मामले की सुनवाई पटना से दिल्ली स्थानांतरित करने का आदेश दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पटना से दिल्ली की पॉक्सो अदालत भेजने का आदेश देते हुए दो सप्ताह के भीतर मामले की सुनवाई शुरू करने और छह महीने के भीतर पूरा करने को कहा है.
Supreme Court transfers the trial of Muzaffarpur shelter home case to Saket POCSO Court, Delhi from Patna. The Court has ordered the judge to commence the trial in 2 weeks and complete it within a period of 6months. pic.twitter.com/qqu2yrJwBb
— ANI (@ANI) February 7, 2019
अदालत ने मुज़फ़्फ़रपुर यौन उत्पीड़न मामले से जुड़े दस्तावेजों को दो सप्ताह के भीतर बिहार की सीबीआई अदालत से साकेत जिला अदालत में स्थानांतरित करने को कहा है.
सर्वोच्च अदालत ने बिहार सरकार से कहा, ‘बहुत हो चुका. बच्चों के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं किया जा सकता. आप अपने अधिकारियों से बच्चों के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं करने दे सकते. बच्चों को बख़्श दें.’
अदालत ने कहा, ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच के लिए मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह मामले की सुनवाई बिहार से बाहर स्थानांतरित करना जरूरी है.’
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को चेताया कि यदि इस मामले से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराने में असफल रहे तो मुख्य सचिव को तलब किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से बुधवार को दोपहर दो बजे सवालों के जवाब देने के लिए तैयार रहने का निर्देश भी दिया. अदालत ने कहा, ‘हम सरकार नहीं चला रहे हैं. हम आपसे पूछ रहे हैं कि आप सरकार कैसे चला रहे हैं. हमें यह जानने का अधिकार है.’
अदालत ने उसकी अनुमति के बिना एक सीबीआई अधिकारी का तबादला किए जाने पर सीबीआई और केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई. अदालत ने कहा कि यह उसके आदेशों का उल्लंघन है क्योंकि उसने इस मामले में किसी भी अधिकारी का तबादला नहीं किया जाने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा, ‘यह इस तरह से नहीं चल सकता है, हम अपने आदेश को लेकर गंभीर हैं.’
Supreme Court comes down heavily on CBI and Centre for transferring a CBI officer probing the Muzaffarpur shelter home case despite the Court’s embargo against the transfer of investigating officials. pic.twitter.com/4hzGJiqmTH
— ANI (@ANI) February 7, 2019
बता दें कि बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में 31मई 2018 को एक बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था. कुछ बच्चियों के गर्भवती होने की भी पुष्टि हुई थी.