आर्मी कैंटीनों से पतंजलि के आंवला जूस की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. एक लैब टेस्ट में यह जूस तय मानकों पर खरा नहीं उतरा है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ट में यह जूस पीने के उपयुक्त नहीं पाया गया. टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएसडी) या आर्मी कैंटीन ने अपनी सभी भंडार गृहों से इस जूस के स्टॉक की जानकारी मंगाई है ताकि इन्हें कंपनी को वापस भेजा जा सके.
नाम न बताने की शर्त पर दो अधिकारी इकोनॉमिक टाइम्स को बताते हैं, ‘कोलकाता के सेंट्रल फूड लैब में आंवला जूस की जांच की गई है. इसके बाद पतंजलि ने आर्मी की सभी कैंटीनों से अपने आंवला जूस को हटा लिया है.’
दो साल पहले इसी लैब में जांच के दौरान पता चला था कि नेस्ले कंपनी के उत्पाद मैगी नूडल में तय मानक से ज़्यादा लेड (सीसा) है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में पूछे गए सवालों पर रक्षा मंत्रालय और पतंजलि की ओर से अभी कोई जवाब नहीं मिला है.
सीएसडी ने इस महीने की तीन तारीख़ को अपने सभी भंडार गृहों और कैंटीनों को पत्र लिखा है. सीएसडी की शुरुआत 1948 में हुई थी. इसके 3901 कैंटीन और 34 भंडार गृह हैं.
सीएसडी के रिटेल आउटलेट से पांच हज़ार से ज़्यादा उत्पाद बेचे जाते हैं. सेना, जल सेना और वायुसेना के अलावा पूर्व सैनिक और उनके परिवार मिलाकर तकरीबन एक करोड़ 20 लाख लोग इन आउटलेटों से सामान खरीदते हैं.
वहीं, योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतजंलि पहली बार किसी विवाद में नहीं फंसी है. कंपनी के उत्पादों को लेकर अक्सर विवाद होते रहे हैं.
इससे पहले बिना लाइलेंस के नूडल और पास्ता बनाने और बेचने को लेकर पतंजलि की आलोचना हो चुकी है. खाद्य तेलों के भ्रामक प्रचार को लेकर कंपनी को नोटिस भी मिल चुका है.