पश्चिम बंगाल में टीएमसी विधायक की हत्या के मामले में भाजपा नेता मुकुल रॉय पर एफआईआर दर्ज

टीएमसी का आरोप है कि सत्यजीत बिस्वास मटुआ संघ का हिस्सा थे और उनकी वजह से भाजपा मटुआ मतदाताओं को आकर्षित नहीं कर पा रही थी.

तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत बिस्वास (फोटो साभार: फेसबुक)

टीएमसी का आरोप है कि सत्यजीत बिस्वास मटुआ संघ का हिस्सा थे और उनकी वजह से भाजपा मटुआ मतदाताओं को आकर्षित नहीं कर पा रही थी.

तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत बिस्वास (फोटो साभार: फेसबुक)
तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत बिस्वास (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक सत्यजीत बिस्वास की हत्या के मामले में भाजपा नेता मुकुल रॉय पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. शनिवार की रात को अज्ञात हमलावरों ने बिस्वास की गोली मारकर हत्या कर दी.

जनसत्ता की ख़बर के मुताबिक, नादिया जिले कृष्णागंज विधानसभा सीट से विधायक बिस्वास हंसखाली थाना क्षेत्र के फूलबाड़ी इलाके में सरस्वती पूजा के एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. मंच से उतरने के दौरान हमलवारों ने उन्हें गोली मार दी.

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बता दें कि, नादिया जिला बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है. पिछले कुछ समय भाजपा ने इस इलाके में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं. पश्चिम बंगाल सरकार-सीबीआई विवाद के दौरान सोशल मीडिया में वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर मुकुल रॉय और भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की बातचीत वायरल हो गई थी. इस बातचीत में विजयवर्गीय, रॉय से मटुआ समुदाय ऐसे कुछ नेताओं के बारे में पूछ रहे थे जो उनके साथ आ सकें.

टीएमसी के जिला अध्यक्ष गौरी शंकर दत्ता ने कहा, ‘भाजपा ने योजनाबद्ध तरीके से यह हत्या कराई है. मंत्री रत्ना घोष, सत्यजीत और मुझे अतिथि के रूप में कार्यक्रम में बुलाया गया था. व्यक्तिगत तौर पर वह मेरे बेटे जैसा था. हाल ही में उसने शादी की थी. वह मटुआ संघ का हिस्सा था और उसकी वजह से भाजपा मटुआ मतदाताओं को आकर्षित नहीं कर पा रही थी. हम उसकी मौत को बेकार नहीं जाने देंगे.’

दरअसल, सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे चिट फंड घोटाले में रॉय मुख्य आरोपियों में से एक हैं. वह टीएमसी के पूर्व नेता होने के साथ कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में रेलवे मंत्री भी थे. हालांकि, 2017 में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और चुनाव की तैयारियों में उसकी मदद कर रहे हैं.

हालांकि, इन आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने सीबीआई जांच की मांग की है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘वे एक जाने-पहचाने नेता थे और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. हाल ही में जॉयनगर में भी हमने देखा था कि विधायक पर हमला हुआ था और वे बाल-बाल बचे थे. हम बार वे भाजपा का नाम लगाते हैं और बाद में सामने आता है कि वह उनके भीतरी झगड़ों का नतीजा होता है. टीएमसी में हर तरह के समाज विरोधी लोग भरे पड़े हैं. इस मामले में सीबीआई जांच होने दें और सब कुछ साफ हो जाएगा.’

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इस मामले में मुकुल रॉय और दो अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही जबकि हंसखाली पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.