निर्भया कोष का इस्तेमाल भवनों के निर्माण में किए जाने पर संसदीय समिति ने जताया ऐतराज़

गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने कहा कि वह इस बात की पुरज़ोर सिफ़ारिश करती है कि गृह मंत्रालय को निर्भया कोष से भवनों के निर्माण जैसी योजनाओं के लिए कोष आवंटन से बचना चाहिए और इसके मूल उद्देश्यों पर ही बने रहना चाहिए.

New Delhi: Monsoon clouds hover over the Parliament House, in New Delhi on Monday, July 23, 2018.(PTI Photo/Atul Yadav) (PTI7_23_2018_000111B)
(फोटो: पीटीआई)

गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने कहा कि वह इस बात की पुरज़ोर सिफ़ारिश करती है कि गृह मंत्रालय को निर्भया कोष से भवनों के निर्माण जैसी योजनाओं के लिए कोष आवंटन से बचना चाहिए और इसके मूल उद्देश्यों पर ही बने रहना चाहिए.

New Delhi: Monsoon clouds hover over the Parliament House, in New Delhi on Monday, July 23, 2018.(PTI Photo/Atul Yadav) (PTI7_23_2018_000111B)
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नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने निर्भया कोष का इस्तेमाल भवनों के निर्माण में किए जाने पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा है कि इस तरह के आवंटन महिलाओं की सुरक्षा के (कोष के) उद्देश्य को नाकाम करते हैं.

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने कहा है, ‘समिति का यह दृढ़ विचार है कि भवनों के निर्माण के लिए धन अन्य स्रोतों से आना चाहिए और यह निर्भया कोष से नहीं लिया जाए.’

समिति ने राज्यसभा में सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निर्भया कोष का इस्तेमाल भवनों के निर्माण में नहीं किया जाना चाहिए. इस तरह के आवंटन इसके उद्देश्य को नाकाम करते हैं.

समिति ने कहा कि वह इस बात की पुरजोर सिफारिश करती है कि गृह मंत्रालय को निर्भया कोष से भवनों के निर्माण जैसी योजनाओं के लिए कोष आवंटन से बचना चाहिए और इसके मूल उद्देश्यों पर ही बने रहना चाहिए.

गौरतलब है कि निर्भया कोष तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2013 में शुरू किया था. इसका उद्देश्य देश भर में महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाना है.

दिल्ली में वर्ष 2012 में एक लड़की से हुए सामूहिक बलात्कार के बाद राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन होने और जनाक्रोश छाने के बाद इस कोष की स्थापना की गई थी.

रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय को महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने वाली नवीन आविष्कारों वाली प्रौद्योगिकी संचालित परियोजनाओं की पहचान के लिए गंभीर कोशिशें करनी चाहिए और उनके क्रियान्वयन के लिए अतिरिक्त कोष की व्यवस्था की जाए.