गुर्जर समुदाय के लोग पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. हिंसक प्रदर्शन के बाद करौली व धौलपुर में धारा 144 लागू. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील की कि बातचीत के लिए आगे आएं गुर्जर नेता.
जयपुर: राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण के लिए आंदोलन रविवार को तीसरे दिन भी जारी है. गुर्जर नेता दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर पटरियों पर बैठे हैं जिससे कई प्रमुख ट्रेनों को रद्द कर दिया गया हैं या उनके मार्ग में बदलाव किया गया है.
इस बीच धौलपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प की सूचना है. करौली और धौलपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है. उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर नेताओं से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की है.
मालूम हो कि गुर्जर नेता पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आठ फरवरी की शाम को सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए थे. आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिनिधिमंडल में शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही.
राज्य सरकार द्वारा गठित समिति के सदस्य पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नीरज के पवन ने शनिवार को गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला से बातचीत की लेकिन बैंसला अपनी मांग पर अड़े रहे.
गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका रेबारी, गडिया, लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की क़ानूनी सीमा में गुर्जरों को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत आरक्षण अलग से मिल रहा है.
धौलपुर में पुलिस और गुर्जर प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प
राजस्थान में पांच प्रतिशत आरक्षण को लेकर गुर्जर नेता रविवार को तीसरे दिन धौलपुर में कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस के तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया और हवा में गोलियां चलाईं. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गुर्जर बहुल धौलपुर व करौली जिले में धारा 144 लगा दी है.
इस बीच सरकार व आंदोलनकारियों के बीच कोई नया संवाद नहीं हुआ है हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गुर्जर नेताओं को आगे आकर बातचीत शुरू करनी चाहिए. वहीं गुर्जर नेता इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं. इस आंदोलन के कारण रविवार को भी कई ट्रेन रद्द करनी पड़ीं. कई जगह सड़क मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित होने से लोग परेशान हुए.
आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिनिधिमंडल में शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही. उसके बाद दोनों पक्षों में कोई संवाद नहीं हुआ है. गुर्जर नेता विजय बैंसला ने रविवार शाम कहा, ‘आंदोलनकारी पटरी पर बैठे हैं और उनकी तो कल हो, परसों या बीस दिन… आंदोलन पर डटे रहने की ही नीति है.’
बैंसला ने कहा कि शनिवार की बातचीत के बाद सरकार की ओर से उन्हें को संदेश या संकेत नहीं दिया गया है. बैंसला ने कहा, ‘हमें सरकार के साथ कोई बात नहीं करनी है. हम आरक्षण की मांग कर रहे हैं उसे पूरा कर दिया जाए हम अपने घर चले जाएंगे.’
वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने जयपुर में कहा, ‘वार्ता के लिए सरकार के द्वार खुले हैं. मैं समझता हूं कि उन्हें (आंदोलनकारियों को) ख़ुद आगे आकर बातचीत का सिलसिला शुरू करना चाहिए.’
गहलोत ने कहा कि बातचीत से ही बात आगे बढ़ती है और पहले भी इससे गुर्जर समाज के हित में कुछ फैसले हुए हैं. इसके साथ ही गहलोत ने धौलपुर में आगज़नी की घटना की निंदा की और कहा कि स्थानीय प्रशासन देखेगा कि यह कैसे हुई और इसमें कौन-कौन शामिल थे.
दरअसल इस आंदोलन के बीच आंदोलनकारियों ने रविवार को धौलपुर जिले में आगरा-मुरैना राजमार्ग को बंद करने की कोशिश की. इस दौरान हवा में गोली चलाई गयी और पुलिस के तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
इस बीच पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एमएल लाठर ने कहा है कि रास्ते अवरूद्ध करने के लिए विभिन्न लोगों के ख़िलाफ़ तीन मामले दर्ज किए गए हैं जबकि धौलपुर में दो और मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
धौलपुर के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने आगरा-मुरैना राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया. उनके अनुसार कुछ हुड़दंगियों ने हवा में गोलियां चलाईं. इन लोगों ने पुलिस की एक बस सहित तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया. कुछ जवानों को चोट भी आई हैं.
वहीं गुर्जर बहुल करौली व धौलपुर ज़िले में धारा 144 लगा दी गयी है. करौली की पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने कहा कि गुर्जरों की बड़ी आबादी को देखते हुए एहतियात के तौर पर जिले में निषेधाज्ञा लगाई गयी है. धौलपुर के एडीएम राजेश वर्मा ने बताया कि एहतियान पूरे जिले में रविवार को धारा 144 लगायी गयी है.
आंदोलन के चलते उत्तरी ज़ोन की 20 ट्रेनें रद्द, देशभर में 250 से ज़्यादा रेल प्रभावित
राजस्थान के सवाई माधोपुर ज़िले में जारी गुर्जर आंदोलन के चलते रविवार को उत्तर रेलवे की कम से कम 20 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और सात अन्य का मार्ग परिवर्तित किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उत्तर रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, मुंबई सेंट्रल-हज़रत निज़ामुद्दीन अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस (12953), लखनऊ जंक्शन-बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस (19022), कोटा- हज़रत निज़ामुद्दीन-कोटा जन शताब्दी एक्सप्रेस (12059/12060)और बांद्रा टर्मिनस-हज़रत निज़ामुद्दीन गरीब रथ एक्सप्रेस (12909) रद्द की गयी ट्रेनों में शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि इस जोन की कम से कम 13 ट्रेनें विलंब से चल रही हैं. इनमें भागलपुर-आनंद विहार गरीब रथ एक्सप्रेस (22405), मुंबई-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, हावड़ा-नयी दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस करीब तीन घंटे की देरी से जबकि रक्सौल-आनंद विहार सदभावना एक्सप्रेस सात घंटे देरी से चल रही है.
उत्तर रेलवे ने बताया कि फिरोज़पुर-मुंबई सेंट्रल जनता एक्सप्रेस (19024), श्री माता वैष्णो देवी कटरा-बांद्रा टर्मिनस स्वराज एक्सप्रेस (12472), चंडीगढ़-मडगांव गोवा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (12450)और अमृतसर-मुंबई सेंट्रल गोल्डन टेम्पल मेल (12904) का मार्ग परिवर्तित किया गया है.
10-13 फरवरी के बीच उत्तर रेलवे की कुल 73 ट्रेनों को या तो रद किया, बीच में रोका गया या फिर मार्ग परिवर्तित किया गया है. पिछले दो दिनों में 250 से ज़्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. इनमें उत्तर-पश्चिम रेलवे और पश्चिम-मध्य रेलवे जोन की ट्रेने शामिल हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)