पुणे के पिंपड़ी चिंचवाड़ में एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आर्थिक और सामाजिक समानता के आधार पर समाज को एक साथ लाने की ज़रूरत है और इसमें जातिवाद और सांप्रदायिकता की जगह नहीं है.
नई दिल्लीः केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि उनके क्षेत्र में जातिवाद के लिए जगह नहीं है क्योंकि उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर किसी ने उनके क्षेत्र में जातिवाद की बात की तो वह उसकी पिटाई कर देंगे.
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि उनके क्षेत्र में जातिवाद के लिए कोई जगह नहीं है क्योंकि उन्होंने ‘चेतावनी’ दी हुई है कि जाति के बारे में बात करने वाले की वह ‘पिटाई’ करेंगे.
गडकरी ने पुणे के पिंपड़ी चिंचवाड़ में पुनरुत्थान समरसता गुरुकुलम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आर्थिक और सामाजिक समानता के आधार पर समाज को एक साथ लाने की जरूरत है और इसमें जातिवाद और सांप्रदायिकता की जगह नहीं है.
नागपुर लोकसभा सीट से सांसद गडकरी ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘हम किसी तरह के जातिवाद में विश्वास नहीं करते. मुझे नहीं पता कि आपके पास क्या है लेकिन हमारे पांच जिलों में जातिवाद का कोई स्थान नहीं है क्योंकि मैंने सभी को चेतावनी दी है कि अगर किसी ने जाति के बारे में बात की तो मैं उसकी पिटाई कर दूंगा.’
गडकरी ने कहा, ‘पूरे समाज को आर्थिक और सामाजिक आधार पर एक साथ लाए जाने की जरूरत है और इसे जातिवाद और सांप्रदायिकता से मुक्त करने की जरूरत है.’
गडकरी हाल-फिलहाल के दिनों में अपने कई बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद कहा था कि नेतृत्व को हार और विफलताओं की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इशारों में भाजपा नेता ने कहा कि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता.
भाजपा की परिवहन इकाई नवभारतीय शिव वातुक संगठन (एनएसवीएस) के उद्धघाटन समारोह में दिए उनके बयान पर भी खासी चर्चा हुई थी.
तब उन्होंने कहा था, ‘सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है. इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकें. मैं सपने दिखाने वालों में से नहीं हूं. मैं जो भी बोलता हूं, वह शत-प्रतिशत डंके की चोट पर पूरा होता है.’
हाल ही में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व कार्यकर्ताओं को एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए गडकरी ने नसीहत दी थी कि जो लोग अपना घर नहीं संभाल सकते हैं, वे देश नहीं संभाल सकते.