इससे पहले उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक अस्थायी गोशाला में रह रही पांच लावारिस गायों की कथित तौर पर ठंड से मौत हो गई.
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के कुछ गांवों में दो दिनों के दौरान 100 से ज्यादा गायों की मौत की बात सामने आई है. इस ख़बर के बाहर आने के बाद इस संबंध में जांच के आदेश दिए गए हैं.
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट विजय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि गायों की मौत घास चरने के दौरान हुई.
राजस्व विभाग और पशुचिकित्सकों का एक दल उन इलाकों में गया है जहां गायों की मौत हुई है ताकि उनकी मौत के कारण का पता लगाया जा सके. गायों को गोशालाओं से चरागाह लाया गया था.
संदेह है कि गायों की मौत जहरीली घास खाने से या दूषित जल पीने से हुई है.
अमर उजाला की ख़बर के अनुसार, मुजफ्फरनगर ज़िले के गांव जलालपुर बेहड़ा के गोचर क्षेत्र में गायों में जानलेवा बुखार की बीमारी फैलने से करीब एक सौ गायों की मौत हो गईं.
परमधाम गोशाला के गोरक्षकों सहित अन्य लोगों ने प्रशासन से पशु चिकित्सकों की टीम को मौके पर भेजकर गायों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने की मांग की.
इसी ख़बर के अनुसार, इस क्षेत्र में परमधाम गोशाला की 300 गाय चरती हैं, जिनमें से 18 गायें मर गईं. इसके अलावा जगपाल की 50 गाय में से 18 मरीं, इलाहाबास के सतपाल व मिंटू की 11 गायें मर गईं. गांव मीरावाला के सतपाल की 100 गायों में से 35 मरीं. गांव सिकंदरपुर निवासी सतबीर की 100 गायों में से 8 गाय मर गईं, गांव शुक्रतारी के कृष्ण की 12 गाय मर चुकी हैं. इस तरह से करीब 100 गाय अचानक मर गईं, जिसको लेकर गो-पालकों में हड़कंप मच गया.
पशु चिकित्सक ने मृतक गायों की जांच करके बताया कि इन गायों की मौत जानलेवा बुखार होने से हुई हैं. जानलेवा बुखार का वायरल तेजी से पशुओं के शरीर में फैलता है और पशु कुछ ही देर बात मर जाता है.
बता दें कि इससे पहले शामली में भी 5 गायों की मौत का मामला सामने आया था. एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक अस्थायी आश्रय गृह में पांच आवारा गायों की कथित तौर पर ठंड से मौत हो गई.
सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट प्रशांत कुमार ने कहा कि संभल गांव में एक आश्रय गृह से मौतें हुई थीं, जो बाबरी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है . मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने बजट पेश किया गया जिसमें गो-कल्याण के लिए करीब 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है.
इसमें ग्रामीण इलाकों में गोशाला के रखरखाव और निर्माण के लिए 247.60 करोड़ रुपये, शहरी क्षेत्र में कान्हा गोशाला और आवारा पशु आश्रय योजना में 200 करोड़ रुपये और आवारा पशुओं की देखरेख के लिए 165 करोड़ रुपये शामिल हैं.
केंद्र की मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में ‘राष्ट्रीय गोकुल’ योजना शुरू करने का ऐलान किया गया था, जिसके लिए 750 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)