उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में 36, कुशीनगर ज़िले में नौ और उत्तराखंड के हरिद्वार में ज़हरीली शराब पीने से 36 लोगों की मौत हो चुकी है. मौतों के बाद राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू.
रुड़की/लखनऊ: पिछले हफ्ते उत्तराखंड के एक और उत्तर प्रदेश के दो जिलों में ज़हरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 81 हो गई है. उत्तर प्रदेश में इस मामले की एसआईटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में 36 और कुशीनगर ज़िले में नौ लोगों की मौत ज़हरीली शराब पीने की वजह से हो चुकी है. वहीं उत्तराखंड के हरिद्वार में भी 36 लोगों की मौत का मामला सामने आया है.
पुलिस ने बताया कि हरिद्वार शहर के एक गांव में बीते सात फरवरी की शाम ज़हरीली शराब पीने की वजह से अब तक उत्तराखंड में 36 और उत्तर प्रदेश में भी इतनी ही संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के एक बयान के मुताबिक, उत्तराखंड से सटे राज्य के सहारनपुर ज़िले में 36 लोगों की मौत हुई है.
पुलिस के मुताबिक, इस संबंध में पिता-पुत्र (क्रमश: फकीरा और सोनू) को गिरफ़्तार किया गया है. दोनों ने जांच अधिकारियों को बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश से अवैध शराब ख़रीदी और उत्तराखंड के हरिद्वार ज़िले के एक गांव बालूपुर और इसके आसपास के गांवों में बेच दिया.
हरिद्वार के एसएसपी जनमेजय खंडूरी और सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों आरोपी बालूपुर के रहने वाले हैं.
खंडूरी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उन्होंने जो शराब ख़रीदी थी, उसका रंग भी सामान्य नहीं था और उसमें डीज़ल की महक थी.
दोनों अधिकारियों ने अपने बयान में कहा, ‘यह दूध की तरह दिख रहा था और डीज़ल की तरह महक रहा था.’
मरने वाले लोग उत्तराखंड के हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के रहने वाले थे. उन्होंने अपने एक रिश्तेदार की ‘तेरहवीं’ के बाद बीते सात फरवरी की शाम को शराब का सेवन किया था.
उन्होंने बताया कि सहारनपुर के पुंडेन गांव के उन निवासियों की तलाश जारी है, जिन्होंने अवैध शराब बनाई थी. आरोपियों के घरों पर छापे भी मारे गए हैं लेकिन वे फ़रार हैं.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले में सबसे अधिक पांच लोगों ने तरयासुजान थानाक्षेत्र के वेदूपार गांव में जान गंवायी वहीं सहारनपुर ज़िले में सबसे अधिक 12 लोगों की मौत नागर थानाक्षेत्र के कुमाही गांव में हुई.
उत्तर प्रदेश में मामले की एसआईटी जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में ज़हरीली शराब से हुई मौतों की जांच एसआईटी से कराने का बीते 10 फरवरी को ऐलान किया.
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है ताकि राज्य के सहारनपुर और कुशीनगर ज़िलों में ज़हरीली शराब से हुई मौतों की घटना की उचित जांच हो सके.
इस बीच गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने दोनों ज़िलों के संबंधित क्षेत्राधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
सहारनपुर में शराब पीने से लोगों की मौत की घटना सीओ देवबंद के क्षेत्र में गागलहेड़ी और नागल थाना क्षेत्रों में हुई है.
अधिकारी ने बताया कि सहारनपुर ज़िले के देवबंद के क्षेत्राधिकारी सिद्धार्थ और कुशीनगर ज़िले के तम्कुही राज के क्षेत्राधिकारी रामकृष्ण तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
इस मामले मे थाना गागलहेड़ी के थानाध्यक्ष, चौकी प्रभारी हलका दरोगा, एसआई, ज़िला आबकारी अधिकारी अजय सिंह और निरीक्षक सहित सात बीट सिपाहियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है.
उधर, राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कुशीनगर ज़िले में पुलिस प्रशासन एवं आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की पूछताछ में पता लगा कि कुछ लोग कथित रूप से बिहार से कच्ची शराब लेकर आए थे, जिसके सेवन से यह घटना हुई.
उन्होंने बताया कि आरोपी राजेंद्र जायसवाल को गिरफ़्तार कर लिया गया है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.
प्रवक्ता ने बताया कि कुशीनगर के ज़िला आबकारी अधिकारी योगेंद्र नाथ रामू सिंह यादव सहित आबकारी विभाग के छह कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है.
राज्य सरकार ने आबकारी एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ज़हरीली शराब कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ 15 दिन का संयुक्त अभियान चलाएं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये तथा उपचार करा रहे लोगों को 50-50 हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की.
राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप शुरू
इस बीच, ज़हरीली शराब से हुई मौतों के मामले ने रविवार को राजनीतिक रंग ले लिया. मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व में हुई इस तरह की घटनाओं में समाजवादी पार्टी (सपा) का हाथ रहा है. दूसरी तरफ, बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की.
योगी ने चेताया है कि अवैध शराब के कारोबार में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी भले ही वे किसी भी राजनीतिक पार्टी से क्यों ना जुड़े हों.
योगी आदित्यनाथ ने बीते नौ फरवरी की रात कहा कि पूर्व में सपा नेताओं के इस तरह की घटनाओं में शामिल होने की बात सामने आई है. आज़मगढ़, हरदोई, कानपुर, और बाराबंकी में पूर्व में हुई ज़हरीली शराब की घटनाओं में सपा नेता शामिल पाए गए थे.
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए भाजपा को दोषी ठहराते हुए कहा कि बिना सरकार के समर्थन के अवैध शराब का कारोबार नहीं हो सकता. भाजपा को यह बात मान लेनी चाहिए कि वह राज्य का शासन नहीं संभाल सकती.
सपा की नई साझेदार बसपा ने ज़हरीली शराब से हुई मौतों को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की भाजपा सरकारों को दोषी ठहराया है.
पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एक बयान में कहा कि दोनों ही राज्यों की सरकारों का ज़हरीली शराब की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर ढुलमुल रवैया रहा है. उन्होंने प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की.
उन्होंने कहा कि जब तक सीबीआई जांच पूरी ना हो दोनों ही राज्यों के आबकारी मंत्रियों को हटाने के लिए कहा जाए ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके.
हाल ही में कांग्रेस के पूर्वी प्रदेश मामलों की प्रभारी महासचिव नियुक्त की गईं प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘दिल दहला देने वाली इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश सरकार की सरपरस्ती में अवैध शराब का इतना बड़ा कारोबार संचालित होता है यह कल्पना नहीं की जा सकती.’
प्रियंका ने दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ‘मैं उम्मीद करती हूं कि भाजपा सरकारों द्वारा अपराधियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी एवं मृतकों के परिजनों के लिए उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी का प्रावधान किया जाएगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)