बिहार बालिका गृह: अधिकारी का तबादला करने पर नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी मांगी

शीर्ष अदालत की फटकार के बाद सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि अदालत के आदेश का उल्लंघन करने की सोच भी नहीं सकता.

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एम. नागेश्वर राव. (फोटो साभार: फेसबुक)

शीर्ष अदालत की फटकार के बाद सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि अदालत के आदेश का उल्लंघन करने की सोच भी नहीं सकता.

एम. नागेश्वर राव. (फोटो साभार: फेसबुक)
एम. नागेश्वर राव. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्लीः एम नागेश्वर राव ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अंतरिम निदेशक पद पर रहते हुए जांच एजेंसी के पूर्व संयुक्त निदेशक एके शर्मा का तबादला करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है.

राव ने सोमवार को स्वीकार किया कि उन्होंने गलती की और इसके लिए उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उनकी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने की कोई मंशा नहीं थी.

एके शर्मा बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के बालिका आश्रय गृह मामले की जांच कर रहे थे.

राव ने सात फरवरी को उन्हें जारी किए गए अवमानना नोटिस के जवाब में हलफनामा दायर करते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से बिना किसी शर्त के माफी मांग रहे हैं.

राव ने अपने माफीनामे में कहा, ‘मैं अपनी गलती महसूस करता हूं और मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं. मैं विशेष तौर पर कहना चाहता हूं कि मैंने जानबूझकर अदालत के आदेश का उल्लंघन नहीं किया क्योंकि मैं सपने में भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने की नहीं सोच सकता.’

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश का उल्लंघन करने के लिए शर्मा का सीबीआई से बाहर तबादला करने के लिए सात फरवरी को सीबीआई को फटकार लगाई थी और राव को व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट के समक्ष पेश होने को कहा था.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा था कि सीबीआई से बाहर शर्मा का तबादला करना सुप्रीम  कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है और यह अवमानना का मामला है.

पीठ ने सीबीआई के मौजूदा निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला से इस तबादले से अन्य अधिकारियों के जुड़े होने की जांच करने और 11 फरवरी तक जवाब देने का कहा था.

राव की मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेशी से पहले उनका यह माफीनामा आया है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने शर्मा के तबादले की प्रक्रिया में शामिल सीबीआई के अन्य अधिकारियों से भी 12 फरवरी से पहले पेश होने का निर्देश दिया है.

चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा, ‘हम इसे बहुत ही गंभीरता से लेने जा रहे हैं. आपने देश के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ किया है. भगवान आपकी मदद करे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कभी खिलवाड़ मत कीजिए.’

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा आलोक शर्मा को सीबीआई के निदेशक पद से हटाए जाने के बाद पिछले महीने शर्मा को सीआरपीएफ के एडिशनल डायरेक्टर के पद पर तैनात कर दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)