छत्तीसगढ़ सरकार ने योजनाओं से दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाकर इंदिरा और आंबेडकर पर रखा

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने विभिन्न योजनाओं के नाम से दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और भीमराव आंबेडकर का नाम जोड़ा गया. भाजपा ने जताई आपत्ति.

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दीनदयाल उपाध्याय. (फोटो साभार: फेसबुक/bjp.org)

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने विभिन्न योजनाओं के नाम से दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और भीमराव आंबेडकर का नाम जोड़ा गया. भाजपा ने जताई आपत्ति.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दीनदयाल उपाध्याय. (फोटो साभार: फेसबुक/bjp.org)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दीनदयाल उपाध्याय. (फोटो साभार: फेसबुक/bjp.org)

रायपुर: छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की पांच योजनाओं से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाकर उनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का नाम जोड़ दिया है.

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ नगरीय अधोसंरचना विकास निधि से संचालित राज्य प्रवर्तित योजनाओं के नाम बदल दिए हैं. यह आदेश सोमवार को जारी किया गया.

अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन ने दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना कर दिया है. वहीं, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम अब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना होगा.

उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नया नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना का नाम राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल योजना कर दिया है.

राज्य में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से शुरू की गई योजनाओं का नाम बदलने को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है.

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि पार्टी योजनाओं से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाने को लेकर विधानसभा में अपना विरोध दर्ज़ कराएगी.

उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने इन योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या किया? यदि बिना प्रावधानों के सिर्फ नाम बदला गया है तो यह ‘बदलापुर की नई कड़ी है.’ सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जान-बूझकर सभी योजनाओं के नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर बदले हैं. यह उनकी मानसिकता को दिखाता है.

इससे पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने सभी सरकारी विभागों के लेटर पैड (सरकारी दस्तावेज़) से भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष दीनदयाल उपाध्याय के फोटो/लोगो हटाने को कहा है. साथ ही फोटो के स्थान पर राष्ट्रीय चिह्न इस्तेमाल करने का आदेश दिया था.

गौरतलब है कि 11 दिसंबर, 2017 को प्रदेश की भाजपा सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के अवसर पर आदेश जारी करके सरकारी विभागों के लेटर पैड में दीनदयाल उपाध्याय का फोटो लगाना अनिवार्य कर दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)