धरने पर बैठे पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा कि चुनी हुई सरकार के रोज़मर्रा के कामकाज़ में दख़लअंदाज़ी करने को लेकर उपराज्यपाल किरण बेदी के ख़िलाफ़ यह उनका शांतिपूर्वक धरना है.
पुदुचेरी: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बाद पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी भी धरने पर बैठ गए हैं.
चुनी हुई सरकार की जनकल्याणकारी और विकास योजनाओं को रोकने का आरोप लगाते हुए बुधवार को उपराज्यपाल किरण बेदी के खिलाफ राज निवास के सामने धरने पर बैठ गए. उनके साथ इस विरोध प्रदर्शन में उनकी सरकार के सभी पांचों मंत्री, कांग्रेस और द्रमुक के विधायक भी शामिल थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ली शर्ट और काली धोती पहनकर धरने पर बैठे नारायणसामी ने कहा, ‘चुनी हुई सरकार के रोजमर्रा के कामकाज में दख़लअंदाजी करने को लेकर उपराज्यपाल किरण बेदी के खिलाफ उनका यह शांतिपूर्वक धरना है.’
Puducherry CM V. Narayanasamy protests outside Raj Bhawan wearing black clothes urging the Central govt to recall Governor Kiran Bedi. He urged that helmet enforcement rule by DGP be taken up in a phased manner in the state. pic.twitter.com/CLu3ErQ6Mj
— ANI (@ANI) February 13, 2019
उन्होंने बेदी पर चुनी हुई सरकार की अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों को रोकने का आरोप लगाया. इन कार्यक्रमों में राशनकार्ड धारकों को मुफ्त चावल और पोंगल बोनस दिया जाना और कॉरपोरेशन, सोसायटी और सरकार द्वारा वित्त पोषित निजी स्कूलों के लिए योजनाएंं लागू किया जाना शामिल है.
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने बेदी से निवेदन किया था कि वे उनकी 39 सूत्रीय चार्टर को लागू कर दें. उपराज्यपाल से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर उन्होंने राज निवास के बाहर धरना देने का फैसला किया.’
नारायणसामी, बेदी द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में हेलमेट लगाने के नियम को सख्ती से लागू करने का भी विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि लोगों को जागरूक किए गए जाने के बाद पुलिस महानिदेशक इस नियम को चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे.
इससे पहले बुधवार को ही किरण बेदी ने कहा था कि एआईएडीएमके विधायकों द्वारा हेलमेट नियम के विरोध में हेलमेट को तोड़ना अदालत की अवमानना है. मंगलवार को बेदी ने कहा था कि उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि वे मुख्यमंत्री को कानून न तोड़ने का आदेश दें.