शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि अगर भाजपा लोकसभा चुनाव में गठबंधन करना चाहती है, तो उसे महाराष्ट्र की सत्ता राज्य के मज़बूत सहयोगी दल के हाथों में देना होगा.
मुंबई: आगामी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए की सहयोगी दल शिवसेना ने भाजपा के सामने गठबंधन करने के लिए नई शर्त रख दी है. शिवसेना का कहना है कि अगर भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए उनसे गठबंधन करना चाहती है, तो उसे महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद देना होगा.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ‘2019 में अगर केंद्र में भाजपा की सरकार बनती है, तो उसमें शिवसेना, अकाली दल और अन्य सहयोगी दलों की अहम भूमिका होगी. अगर भाजपा केंद्र में गठबंधन करना चाहती है, तो राज्यों में मजबूत सहयोगी दलों को मुख्यमंत्री पद देना होगा.
Shiv Sena leader Sanjay Raut: If NDA government is formed in 2019, Shiv Sena, Akali Dal & other major allies will have a role. All the allies of NDA are strong in their states & if you want to have an alliance with them at centre, the CM in that state should be from that ally. pic.twitter.com/3KRoPPvMo9
— ANI (@ANI) February 14, 2019
लोकसत्ता की ख़बर के अनुसार, राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लिए भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन 1995 की तर्ज़ पर होना चाहिए, जिसमें शिवसेना बड़े भाई की भूमिका में थी.
राउत का कहना है कि शिवसेना हमेशा भाजपा की बड़े भाई की भूमिका में ही रहेगी. उन्होंने भाजपा को चेतावनी हुए कहा कि अगर भाजपा 48 घंटों में गठबंधन को लेकर निर्णय नहीं लेती, तो शिवसेना अपने उम्मीदवारों का प्रचार शुरू कर देगी.
राउत के इस बयान पर अभी तक भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इसके अलावा अकाली दल और अन्य सहयोगी दलों ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
ज्ञात हो 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान शिवसेना और भाजपा एक साथ चुनाव लड़ी थी, लेकिन 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लड़ने का निर्णय था. 288 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिली थी.
हालांकि चुनाव के बाद दोनों दलों ने गठबंधन कर लिया और फिलहाल केंद्र और महाराष्ट्र में शिवसेना भाजपा के साथ बनी हुई है.