जम्मू कश्मीरः 2014 से 2018 के बीच शहीद होने वाले जवानों की संख्या 94 फीसदी बढ़ी

लोकसभा में सरकार द्वारा दिए आंकड़ों के अनुसार बीते चार सालों से अधिक समय में जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों की घटनाओं में 177 फीसदी से अधिक का इज़ाफा हुआ है. साल 2014 में राज्य में आतंकवाद की 222 घटनाएं हुई थीं जबकि 2018 में यह संख्या 614 रही.

(फोटो: पीटीआई)

लोकसभा में सरकार द्वारा दिए आंकड़ों के अनुसार बीते चार सालों से अधिक समय में जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों की घटनाओं में 177 फीसदी से अधिक का इज़ाफा हुआ है. साल 2014 में राज्य में आतंकवाद की 222 घटनाएं हुई थीं जबकि 2018 में यह संख्या 614 रही.

Awantipora: An army soldier stands guard near the site of the suicide bomb attack at Lathepora Awantipora in Pulwama district of south Kashmir, Thursday, February 14, 2019. At least 30 CRPF jawans were killed and dozens other injured when a CRPF convoy was attacked. (PTI Photo/S Irfan) (PTI2_14_2019_000154B)
अवंतिपुरा में आतंकी हमले के बाद तैनात जवान. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को हुआ आतंकी हमला राज्य में सुरक्षाबलों पर सबसे घातक हमला रहा. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के बाद ये सीआरपीएफ पर दूसरा सर्वाधिक भयावह हमला है. 2010 में दंतेवाड़ा में हुए हमले में 75 सुरक्षाबल शहीद हुए थे.

केंद्रीय गृह मंत्रालय में गृहराज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर द्वारा पांच फरवरी 2019 को लोकसभा में दिए गए जवाब के मुताबिक जम्मू कश्मीर में बीते पांच वर्षों (2014 से 2018 के बीच) के दौरान हुए आतंकी हमलों में शहीद हुए जवानों की संख्या में 94 फीसदी का इजाफा हुआ है.

साल 2014 से 2018 के बीच कुल 1,708 आतंकवादी हमले हुए जिनमें 339 जवान शहीद हुए. अहीर द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक साल 2014 में 47 जवान शहीद हुए थे जबकि 2018 में यह आंकड़ा बढ़कर 91 हो गया. इस तरह अगर साल 2014 से तुलना करे तो जम्मू कश्मीर में शहीद हुए जवानों की संख्या में करीब 94 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

(स्रोत: लोकसभा)
2014 से 2018 के बीच जम्मू कश्मीर में शहीद हुए जवान. (स्रोत: लोकसभा)

वहीं, बीते चार सालों से अधिक की अवधि में जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमलों की घटनाओं में 177 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है. साल 2014 में राज्य में आतंकवाद की 222 घटनाएं हुई थीं जबकि 2018 में यह संख्या 614 रही.

जवानों के अलावा साल 2014 से 2018 के बीच आतंकी घटनाओं में 138 नागरिकों की मौत हुई है. साल 2014 में इस प्रकार की घटनाओं में 28 नागरिक मारे गए थे वहीं साल 2018 में 38 नागरिकों की हत्या हुई.

बीते पांच वर्षों में 838 आतंकवादियों को मार गिराया गया है. 2014 में 110 आतंकवादियों को जवानों ने मार गिराया था जबकि 2018 में यह संख्या 257 रही. इस तरह, इस अवधि में आतंकवादियों को मार गिराए जाने की घटना में 134 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक बीते पांच वर्षों में आतंकवाद की सर्वाधिक घटनाएं 2018 में हुई हैं. 2017 की तुलना में 2018 में आतंकवाद की घटनाएं 80 फीसदी बढ़ी हैं.

इंडियास्पेंड की 19 जून 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर में 2017 तक 28 सालों में आतंकवाद की 70,000 से अधिक घटनाएं हुई थीं. इस दौरान 22,143 आतंकवादियों को ढेर किया गया, 13,976 नागरिकों को जान गंवानी पड़ी और 5,123 जवान शहीद हुए.