लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी ज़ाहिद फ़ारुख़ को सुरक्षा बलों ने 19 मई 2016 को सीमा पर लगी बाड़ को पार कर भारत में दाख़िल होने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया था. राज्य सरकार ने कहा कि खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिली है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकी जेल में बंद अन्य कैदियों को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर सरकार ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी जाहिद फारुख को जम्मू जेल से राष्ट्रीय राजधानी स्थित तिहाड़ जेल में स्थानांतरित किए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की. सरकार ने कहा है कि वह अन्य भारतीय कैदियों को प्रभावित कर रहा है.
जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई को मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब देने को कहा.
सुरक्षा बलों ने 19 मई 2016 को सीमा पर लगी बाड़ को पार कर भारत में दाखिल होने की कोशिश करते समय फारुख को गिरफ्तार किया था.
राज्य सरकार ने कहा कि खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिली है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकी जेल में बंद अन्य कैदियों को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं.
राज्य सरकार ने मामले की सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित करने को लेकर यह भी कहा है कि आतंकवादी को अदालत में पेशी पर ले जाने के दौरान उसकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों और आम लोगों को भी खतरा है.
राज्य सरकार के स्थायी वकील शोएब आलम ने पिछले साल पुलिस बल पर हुए एक हमले का उदाहरण भी दिया जिसमें कैदी को अस्पताल ले जाने के दौरान पुलिसवालों की हत्या कर दी गई थी और एक पाकिस्तानी आतंकी हिरासत से भाग गया था.
उन्होंने कहा, ‘याचिकाकर्ता राज्य को गोपनीय खुफिया जानकारी मिली है, जिससे यह पता चलता है कि वह भारत के नागरिकों/निवासियों के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है.
राज्य सरकार ने कहा, ‘यह राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में होगा कि फारुख को जम्मू कश्मीर के मौजूदा जेल से स्थानांतरित करके राज्य के बाहर स्थित उच्च सुरक्षा वाले में भेज दिया जाए.